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छत्तीसगढ़स्वास्थ्य

कृषि महाविद्यालय द्वारा 53वीं बटालियन बासिंग में रक्तदान शिविर आयोजित

कृषि महाविद्यालय द्वारा 53वीं बटालियन बासिंग में रक्तदान शिविर आयोजित

 

नारायणपुर, 30 नवम्बर, 2021- रक्तदान को महादान कहते हैं, क्योंकि खून का कोई विकल्प नहीं है। रक्तदान’ जरूरतमंद को जीवनदान और स्वैच्छिक रक्तदाता ही दूसरों के जीवन का मुख्य आधार है। भारत में हर वर्ष करीब 4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। लेकिन देश में करीब एक करोड़ यूनिट ही खून की व्यवस्था हो पाती है। हमारे एक यूनिट खून से बचती है लोगों की जिंदगी। इसलिए रक्तदान को महादान कहते हैं, क्योंकि खून का कोई विकल्प नहीं है।

अधिष्ठाता एवं राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ. रत्ना नशीने ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र नारायणपुर,छग की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा 53 वीं बटालियन ग्राम बासिंग जिला नारायणपुर में आयोजित रक्तदान शिविर में अपने उधबोधन में बताया। डॉ. रत्ना नशीने ने आगे अपने उधबोधन में कहा की लोगों में जागरूकता के लिए 14 जून को विश्व ब्लड डोनर डे मनाते हैं। इस वर्ष की थीम Give blood and keep the world beating’ यानी खून दो और दुनिया की धड़कन रखो है और 1 अक्टूबर को पूरे भारत में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है । राष्ट्रीय स्वयंसेवक रक्त दिवस मनाने का उद्देश्य है की स्वयंसेवक रक्तदाताओं को प्रेरित करना, रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करना और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना भी है ।

ब्लड डोनर को लगता है कि रक्तदान से केवल रोगी को लाभ मिलता है लेकिन ऐसा नहीं इससे डोनर को भी लाभ मिलता है । आइए आज हम सब प्रण ले कि हम उत्साह के साथ रक्तदान करेंगे और कई लोगों की जान बचा कर जीवन में अनमोल कार्य करेंगे।
कार्यक्रम का आयोजन 53 वाहिनी में द्वितीय कमान पदमसिंह बग्गा ने कहा की संपूर्ण विश्व में हजारों व्यक्तियों की मौत समय से रक्त न मिलने के कारण हो जाती है। आज भी हमारे देश में प्रतिवर्ष 1.20 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता पड़ती है। परंतु सभी संसाधनों से हम 90-95 लाख ब्लड यूनिट ही एकत्रित कर पाते है।स्वैच्छिक रूप से लोग रक्तदान कर व्यक्तियों के जीवन को बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं ताकि रक्त के अभाव में किसी की मृत्यु न हो सकें।
भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवानों ने बढ़ चढ़कर कर हिस्सा लिया तथा रक्तदान किया। इस कार्यक्रम का आयोजन 53 वाहिनी में द्वितीय कमान पदमसिंह बग्गा एवम अन्य अधिकारियों की देखरेख में हुआ। डॉ डी. के. कश्यप एवं उनकी टीम श्री अमल चंद ,गुलशन कुमार, श्री मँगहू नेताम एवं लतीश देवांगन मेडिकल लैब टेक्नीशियन जिला अस्पताल, नारायणपुर का सहयोग सराहनीय रहा।
यह संपूर्ण कार्यक्रम अधिष्ठाता एवं राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी डॉ. रत्ना नशीने के मार्गदर्शन में किया गया, इस अवसर पर अध्यापक कृषि महाविद्यालय एवं अनुशंधान केंद्र नारायणपुर से डॉ. जे.एल.नाग, अनिल दिव्य, संगीता लकरा, विवेक विश्वकर्मा, निधि शर्मा, वत्सल श्रीवास्तव एवं प्रशांत बिझेकर उपस्थित थे।
राष्ट्रीय स्वयं सेवको में वीर नारायण देवांगन, अंगद राज बग्गा, लंबूधर कश्यप, संदीप, कीर्ती साहु, धारिणी पोया, वसुंधरा, प्रियांश, सुभम राजपूत, महेश पटेल, सृजल गुप्ता, योगिता पटेल, हरेकृष्णा, मोना राणा, गुलाब सिंह, शेखर साहू, शिवम श्रीवास्तव, चमनलाल मरकाम, प्रीति साहू, रुचिका सोनवानी, दीपिका झलरिया, लीना कंवर, वसुंधा, टकेंद्र, गुलाबचंद, गुड्डू राम उसेंडी तथा वीर नारायण देवागन ने रक्तदान शिविर के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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