रामकृष्ण मिशन आश्रम, नारायणपुर और भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई के तत्त्वावधान में सेल खेल मेला 2024 का शुभारंभ श्री पवन कुमार जी, कार्यकारी निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन), भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई के मुख्य आतिथ्य में एवं पूज्य स्वामी पूर्णानंद जी महाराज, आचार्य, ब्रह्मचारी प्रशिक्षण केंद्र, बेलुड़ मठ के अध्यक्षता में 27 मार्च 2024 दिन बुधवार को सुबह 9 बजे सम्पन्न हुआ। पिछले 16 साल से यह खेल मेला रामकृष्ण मिशन आश्रम, नारायणपुर में आयोजित किया जाता रहा है। यह 17वा साल यह खेल मेला का आयोजन हो रहा है।
विशिष्ट अतिथि के रूप श्री अरुण कुमार जी, सी जी एम (रावघाट माइंस) भिलाई इस्पात संयंत्र, श्री अरुण श्रीवास्तव जी, श्री रूपसाय सलाम, वरिष्ठ समाज सेवक, नारायणपुर, श्री बृजमोहन देवांगन जी, श्री मोहन लाल, सहायक जनरल सेक्रेटरी, छत्तीसगढ़ फुटबॉल एसोसिएशन, श्री सहीराम जाखड़, अंतराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी एवं स्पोर्ट्स इंचार्ज, भिलाई इस्पात संयंत्र, स्वामी आकृतानन्द, स्वामी देवनाथानन्द, स्वामी वसुदानन्द, स्वामी कृष्णामृतानन्द, स्वामी मुक्त्यानन्द, स्वामी प्रणतपालानन्द एवं ब्रह्मचारिगण उपस्थित थे । साथ ही आश्रम के समस्त शिक्षक-शिक्षिकायें, अन्य कर्मचारिवृन्द तथा 1437 बच्चें जो इस खेल मेला में शामिल हुए हैं तथा आश्रम में अध्ययनरत करीब 1200 बच्चे कुल मिलाकर लगभग 3000 बच्चे और शिक्षक-शिक्षिकायें इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण स्वामी व्याप्तानन्द जी महाराज, सचिव, रामकृष्ण मिशन आश्रम, नारायणपुर ने एवं धन्यवाद ज्ञापन स्वामी कृष्णामृतानन्द, प्राचार्य, विवेकानंद विद्यापीठ ने किया।
अध्यक्षीय भाषण स्वामी पूर्णानंद जी महाराज ने अपने भाषण में कहा कि स्वामी विवेकानंद किस प्रकार के युवक चाहते थे। स्वामी विवेकानंद ऐसे युवक चाहते थे जो शारीरिक रूप से सबल और मानसिक रूप से भी दृढ़ इच्छाशक्ति सम्पन्न हो। इसलिए युवाओं खेलना शारिरिक कसरत करना बहुत जरूरी है और साथ ही चिंतन मनन भी करना चाहिए।
मुख्य अतिथि अपने भाषण में श्री पवन कुमार जी आश्रम द्वारा 17 साल से यह खेल मेला आयोजन करने के लिए आश्रम प्रबंधन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे बच्चों की शारिरीक औऱ मानसिक विकास होगी। इस क्षेत्र की उन्नति होगी और इसके भिलाई इस्पात संयंत्र सदैव तैयार है।
उद्घाटन के समय एक 800 मीटर दौड़ प्रतियोगिता कराया गया जिसमें प्रथम स्थान पर रहा एकलव्य आदर्श विद्यालय छेरीबेड़ा के जगदीश, द्वितीय स्थान पर रामकृष्ण मिशन के नरसिंह दुग्गा तथा तृतीय स्थान आदर्श विद्यालय गरांजी के रस्सु कोर्राम।