header ads
छत्तीसगढ़शिक्षा

NARAYANPUR: प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के छात्र-छात्राओं को नाश्ता प्रदाय कार्यक्रम का शुभारंभ परीयना दिव्यांग आवसीय विद्यालय का शुभारंभ

 

 

प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के छात्र-छात्राओं को नाश्ता प्रदाय कार्यक्रम का शुभारंभ

 

परीयना दिव्यांग आवसीय विद्यालय का शुभारंभ

वीरांगना रमोतिन माड़िया के प्रतिमा का लोकार्पण

 

और हमर लैब का मंत्रियों ने किया शुभारंभ

 

नारायणपुर, 11सितंबर 2023 – छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा एवं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग मंत्री श्री मोहन मरकाम ने किया प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के छात्र-छात्राओं को नाश्ता प्रदाय कार्यक्रम का शुभारंभ परीयना दिव्यांग आवसीय विद्यालय का शुभारंभ वीरांगना रमोतिन माड़िया के प्रतिमा का लोकार्पण और हमर लैब का मंत्रियों ने किया शुभारंभ, कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशानुसार जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को डीएमएफ फंड से नाश्ता दिया जाएगा। जिला प्रशासन की अभिनव पहल के माध्यम से जिले के नारायणपुर और ओरछा विकासखण्ड के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को स्कूल में प्रतिदिन नाश्ता प्रदाय किया जाएगा। नारायणपुर विकासखण्ड अंतर्गत 238 विद्यालयों के 7 हजार 71 विद्यार्थी तथा ओरछा विकासखण्ड अंतर्गत 98 प्राथमिक शालाओं के 1 हजार 478 विद्यार्थी लाभांवित होंगे। जिले के माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 3 हजार 913 विद्यार्थी लाभांवित होंगे। नारायणपुर विकासखण्ड अंतर्गत 84 माध्यमिक शालाओं के 3 हजार 737 तथा ओरछा विकासखण्ड के 9 विद्यालय के 176 विद्यार्थी लाभांवित होंगे। इसी प्रकार जिले में संचालित आश्रम शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भोजन प्रदाय किया जाएगा। नारायणपुर विकासखण्ड अंतर्गत 24 आश्रमों के 689 विद्यार्थी तथा ओरछा विकासखण्ड के 25 आश्रम के 359 विद्यार्थी लाभांवित होंगे। जिले के लगभग 478 विद्यालयों में में पढ़ रहे लगभग 13 हजार 510 विद्यार्थियों को प्रातः 9.30 बजे विद्यालय प्रारंभ होने के पहले पोहा, उपमा, दलिया, फलीदाना इत्यादि दिया जाएगा। इसके लिए विद्यालय के रसाईयाओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इस योजना के क्रियान्वयन निति आयोग और डीएमएफ फंड से किया जाएगा।

 

परीयना दिव्यांग आवसीय विद्यालय का शुभारंभ

छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा एवं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग मंत्री श्री मोहन मरकाम के द्वारा

जिले में परीयना दिव्यांग आवासीय विद्यालय गराजी का शुभारंभ किया गया। इस विद्यालय में वर्तमान मे 35 दिव्यांग छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिये जाने का लक्ष्य है, जिसमे 20 बालिकाओं व 15 बालक वर्ग के बच्चों का चयन किया गया है। जिसमे मुख्यतः 12 श्रवण बाधित, 2 दृष्टि बाधित, 1 मुखबधीर, 2 अस्थि बाधित, 11 अल्प दृष्टि, 8 बौनापन, 1 छात्र व छात्रा शामिल है। दिव्यांग बच्चो के अध्ययन अध्यापन मे आने वाली समस्या के निवारण हेतु साक्षत्कार के माध्यम से विशेष शिक्षक, भौतिक चिकित्सक, याक चिकित्सक, मनोचिकित्सक, संगीत शिक्षक आदि कि नियुक्ति किया गया है। दिव्यांग बच्चो के दैनिक दिनचर्या संपूर्ण देखरेख हेतु 5 बच्चो पर 1 केयर टेकर, स्वीपर रसोईयों का भी नियुक्ति किया गया है।

 

 

 

वीरांगना रमोतिन माड़िया के प्रतिमा का लोकार्पण

छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा एवं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग मंत्री श्री मोहन मरकाम के द्वारा वीरांगना रमोतिन कोर्राम माड़िया कन्या महाविद्यालय में प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। राज्य के जिला नारायणपुर तहसील छोटेडोंगर के एक छोटे से गांव धुरबेड़ा में एक कोर्राम परिवार में पली-बढ़ी वीरांगना रमोतिन कोर्राम माड़िया का जन्म लगभग 1887 में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री डोंगा कोर्राम एवं माता का नाम श्रीमती वागली बाई थी। वीरांगना रमोतिन कोर्राम माड़िया के दो भाई थे, उनका नाम कोसा कोर्राम और मासा कोर्राम था। वीरांगना रमोतिन कोर्राम माड़िया की एक छोटी बहन का नाम सनोतिन कोर्राम था। वीरांगना रमोतिन कोर्राम माड़िया बचपन से ही होनहार वीरवान और बहादुर थी, सन् 1887 में ग्राम धुरबेड़ा में बांस एवं घांस फूस की झोपड़ियां हुआ करती थी। बगल में पशु-पक्षी, गाय-बैल, बकरियां-मुर्गियां रखी जाती थीं। उस समय ग्राम धुरबेड़ा में बीहड़ जंगल था, उन जंगलों में शेर, बाघ, भालू रहा करते थे। झोपड़ी में रखे गाय-बैल, बकरियों को शेर-बाघ दिन में भी और प्रतिदिन रातभर दहाड़ किया करते थे, और झोपड़ियों में रखे गाय-बैल, बकरियों को शिकार कर खा जाया करते थे। वीरांगना रमोतिन कोर्राम माड़िया ने गांव वालों को संगठित कर अंग्रेजों के विरूद्ध लड़ाई करने के लिए भुमकाल लड़ाई का गठन किया। सन् 1910 में वीरांगना रमोतिन कोर्राम माड़िया एवं कोसा कोर्राम, मासा कोर्राम ने एवं गांववालों के पास केवल धनुष-बांण था उनके पास उस समय बन्दूक नहीं था, फिर भी अंग्रेजों के अत्याचार को सहन नहीं करते हुए 1910 से 1911 में अंग्रजो के अत्याचार के विरूद्ध भुमकाल लड़ाई प्रारंभ कर दिए, इसी लड़ाई का नेतृत्व करते हुए 17 मई 1911 में भुमकाल लड़ाई के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गई।

 

हमर लैब का मंत्रियों ने किया शुभारंभ

 

छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा एवं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग मंत्री श्री मोहन मरकाम के द्वारा नारायणपुर के बद्रीनाथ बघेल जिला अस्पताल में हमर लैब का शुभारंभ किया गया। हमर लैब में विभिन्न प्रकार के सुविधाएं दी जाएगी, जैसे- हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट काउंट रेटीइक्स काउंट, सी. बी. सी. टी. एल.सी., डी. एल. सी., आर. बी. सी., एम.सी. व्ही., एम.सी.एच., एम.सी.एच.सी., आर. डी. डब्लू, एम. पी. व्ही. पी. सी. व्ही. ब्लीडिंग टाइम/क्लोटिंग टाइम, रक्त समूह, आर. एच. ग्रुपिंग, कुम्ब्स टेस्ट, इ. एस.आर., सौकल सेल एनिमिया- ए.एस.एस.एस (इलेक्ट्रोफोरेसिस, साल्यूबीलिटी टेस्ट), टोटल काउंट बॉडी फ्लुइड्स टोटल काउंट बॉडी फ्लुइड्स टोटल काउंट बॉडी फ्लुइड्स, .पी.टी.आइ. एन.आर. ए.पी.टी.टी. फाइब्रोनोजन, सीमेन एनालिसिस पेरिफेरल स्मीयर, बायोकेमिस्ट्री, ग्लुकोज, यूरिया, यूरिक एसिड, क्रिएटिनिन, ब्लड यूरिया नाइट्रोजन, टोटल प्रोटीन, एल्ब्यूमिन, ग्लोब्युलिन, ए.जी. रेश्यो, टोटल बिलीरूबिन, डायरेक्ट बिलीरुबिन इनडायरेक्ट बिलीरूबिन, एस.जी.ओ.टी.एस.जी.पी. टी. एल्केलाइनफास्फटेस, टोटल कोलेस्ट्रोल, टी.जी., एच.डी.एल., एल.डी.एल.व्ही. एल.डी.एल. यूरिक एसीड, कैल्सियम, मैग्नीशियम, फेरिटीन, टोटल आयरन बाइडिंग, कैपेसिटी ;ज्प्ठब्द्ध, एमाइलेज, लाइपेज,सोडियम, पोटैशियम, क्लोराइड ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन ;भ्ठ।प्ब्द्ध, थायराइड, टी-3, टी-4, टी.एस. एच. फ्री टी-3 फ्री टी-4, एफ.एस.एच.एल. एथ, प्रोलैक्टीन, टेस्टोस्टेरान, प्रोजेस्टेरान, ओस्ट्राडी ओल, इन्सुलीन, ट्यूमर मार्कर, बीटा एच. सी. जी. सी. ए-125, सी. ई. ए. सी. ए-19.9. सी. ए. 15.3, पी. एस. ए., एल्फा एफ.पी., विटामिन डी, विटामिन बी-12, सी. के. एम. बी. ट्रोपोनिन-टी, प्रो. बी.एन.पी. , सीरोलॉजी एच. आई. व्ही. एच. बी. एस. ए. जी. एच. सी. व्ही. व्ही. डी. आर. एल. सी.आर.पी. आर. ए., ए.एस.ओ., विडाल, माइक्रोबायोलॉजी कल्चर और सेन्सटिविटी बॉडी फ्लुइड्स (प्लयूरल फ्लुइड, अस्सिटिक फ्लुइड, सी. एस.एफ. इत्यादि ) , कल्चर और सेन्सटिविटी पस, स्पुटम, स्टूल, थ्रोट सवाब, नेसल सवाब, यूरिन इत्यादि, कल्चर और सेन्सटिविटी रक्त, माइक्रोस्कोपी, ग्राम्स स्टैनिंग, अल्बर्ट स्टैनिंग, इंडिया इंक, स्पुटम ए.एफ.बी., मल जाँच, मूत्र जांच (माइक्रोस्कोपि एवं अन्य जाँच एल्ब्यूमिन, शुगर, बाइल साल्ट, बाइल, पिग्मेंट, एसीटोन, स्पेसिफिक ग्रेविटी, पी.एच. मान), मलेरिया, फाइलेरिया, इम्मुनोलोजी, डेंगू, चिकनगुनिया, लेप्टोस्पायरोसिस, स्क्रब टयफस, हेपेटाइटिस ए. एवं ई, रुबेला, जापानीज इन्सेफेलाइटिस।

 

 

शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष संतराम नेताम, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, स्थानीय विधायक चंदन कश्यप, विधायक जगदलपुर रेखचंद जैन, विधायक बीजापुर विक्रम मण्डावी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबती नेताम, उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, कलेक्टर अजीत वसंत, एस.पी. पुष्कर शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!