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New Delhi : अपनी माँ की चार संतानों में सबसे छोटा है क्रिस्टियानो रोनाल्डो. शराब की लत के मारे पिता पार्ट-टाइम माली थे जबकि माँ लोगों के घरों में खाना पकाने का काम करती थी।

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अपनी माँ की चार संतानों में सबसे छोटा है क्रिस्टियानो रोनाल्डो. शराब की लत के मारे पिता पार्ट-टाइम माली थे जबकि माँ लोगों के घरों में खाना पकाने का काम करती थी. ज़ाहिर है घर में पैसे की सतत कमी रहा करती.

 

जब रोनाल्डो पेट में आया तो उसकी माँ ने सबसे पहले तय किया कि वे उस बच्चे को जन्म नहीं देंगी. उन्हें लगता था कि आने वाले चौथे बच्चे को देने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं होगा.

 

डाक्टरों ने गर्भपात करने से मना कर दिया क्योंकि उनके देश पुर्तगाल में उसकी कानूनी इजाज़त नहीं थी.

 

क्रिस्टियानो के पैदा होने के बाद घर को ढंग से चलाने के लिए माँ कोअपने काम के घंटे बढ़ाने पड़े.

 

अपने तमाम साक्षात्कारों में रोनाल्डो इस बात को बड़ी टीस के साथ याद करता है कि कैसे उसकी माँ सुबह जल्दी चली जाती थी और देर रात तक काम करने के बाद लौट पाती थी. कई बार रसोई में उसके खाने के लिए कुछ नहीं बचा होता था.

 

घर के एक छोटे से कमरे में तीन बड़े भाई-बहनों के साथ बड़े हुए क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने अपना बचपन खुले में अपने साथियों के साथ फ़ुटबॉल खेलते हुए बिताया.

सात साल की उम्र में वह ठीकठाक खेल रहा था और बारह का होते-होते उसे एक क्लब के लिए खेलने के एवज में डेढ़ हज़ार पाउंड की फीस मिलने लगी थी.

 

छठी के बाद स्कूल छोड़ चुके इस असाधारण खिलाड़ी ने अपने करियर में जितना कुछ हासिल किया उसकी बहुत कम मिसालें हैं.

 

फुटबॉल के इतिहास में सबसे अधिक गोल करने का रेकॉर्ड उसके नाम है – यानी उसके गोलों की संख्या पेले, माराडोना और मैसी जैसे दिग्गजों से भी अधिक है.

 

वह इन्स्टाग्राम पर पूरे संसार में सबसे ज़्यादा फॉलो किया जाने वाला इंसान है जहाँ उसके चाहनेवालों की तादाद उनसठ करोड़ से ज़्यादा है.

 

अखबारों और सोशल मीडिया पर उसकी सबसे अधिक तस्वीरें अपनी माँ के साथ हैं.

 

यूरोप में यह आम है कि बच्चे अलग रहते हैं और माँ-बाप अलग लेकिन रोनाल्डो की माँ लगातार उसी के साथ रहती आई हैं.

 

या यूं कहें वह अपनी माँ के साथ रहता आया है – यह बात अलग है कि जिस महलनुमा घर में वे रहते हैं वह रोनाल्डो का खरीदा हुआ है.

 

रोनाल्डो कहता है – “मेरी माँ ने मुझे बड़ा करने को अपना जीवन कुर्बान कर दिया. वह भूखी सोई ताकि मैं खा सकूँ. उसने हफ्ते के सात दिन-सात रात इसलिए नौकरानी का काम किया कि मेरे लिए फुटबॉल के जूते खरीद सके और मैं खिलाड़ी बन सकूँ.

 

मेरा सब कुछ उसी की बदौलत है और वह जब तक इस धरती पर है, उसने मेरे ही साथ रहना है. वह मेरा आश्रय है और मुझे मिला सबसे बड़ा तोहफा भी. मुझे फख्र है मैं मारिया दोलोरेस का बेटा हूँ.”

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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