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आदिवासी समूह का नारायणपुर- कोंडागांव रोड में अनिश्चितकालीन धरना हुआ स्थगित, पुलिस अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने घंटो बात कर शांत किया रोड जाम की बात

धरना देने पहुंचे मां के साथ छोटे बच्चे भी

 

नारायणपुर – आदिवासियों और ईसाई समुदाय के बीच झड़प के बाद नारायणपुर पुलिस एसपी सदानंद कुमार पर हमला और चर्च में तोड़फोड़ करने के आरोप में आदिवासियों के लगभग 16 सदस्यों को जेल भेज दिया है जिसके विरोध में नारायणपुर और कोंडागांव मार्ग में धरना देने की बात कह कर लगभग 30 गांव के आदिवासियों को इकट्ठा क्या था।

आदिवासी समूह का आरोप हैं पुलिस निर्दोष लोगों को बेवजह किसी भी टाइम उठाकर जेल डाल रही है जो सरासर गलत है अगर कार्यवाही करना है तो अपराधियों पर कार्यवाही करें निर्दोष आदिवासी जनता पर कार्यवाही करना छोड़ दें इस मुद्दे को लेकर अनिश्चितकालीन धरना के लिए लगभग 3 हजार आदिवासि समूह का जमावड़ा भाटपाल चौक में हुआ था।

नारायणपुर पुलिस अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा आदिवासी समूह को समझा-बुझाकर आश्वासन दिया  जिसके बाद आदिवासि समूह ने मोहलत देकर विज्ञप्ति सौंपा ।

वही नारायणपुर एडिशनल एसपी हेमराज सिदार का कहना है आदिवासियों का जमावड़ा को समझाइश दे दी गई है उनकी कुछ मांग है जिसे हम गंभीरता से स्वीकार किया है पुलिस द्वारा किसी भी निर्दोष लोगों को कार्यवाही नहीं करेगा पुलिस हमेशा से आदिवासियों के हित में ही काम कर रही है।

आदिवासियों के धरना में शामिल हुए दूध मुंह बच्चे और बुजुर्ग भी

नारायणपुर में रात की तापमान लगभग 4 डिग्री सेल्सियस पर होती है , इस हाड़ जमाने वाली कड़ाके की ठंड में महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को इस आंदोलन में लेकर आए हैं जहां लोग शहरों में डबल डबल रजाई ओढ़ कर सो रहे हैं वही गांव की आदिवासी महिलाएं खुले आसमान के नीचे छोटे-छोटे बच्चों को लेकर रात गुजारा हैं।

 

 

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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