अबूझमाड़ के 4 आदिवासी बच्चों को तलाश करने गई थी नारायणपुर की टीम छत्तीसगढ़ के कई जिलों के बच्चो को छुड़ा लाए तमिलनाडु के करूर जिला से
जिला प्रशासन की टीम ने छात्राओं को लिया अपने
कब्जे में
छात्राओं की खोजबीन के लिए रवाना हुई थी 2 टीमें
अबुझमाड़ ओरछा आश्रम शालाओं से अचानक हुई थी लापता
नारायणपुर – अबुझमाड़ ओरछा ब्लॉक के आश्रम शालाओं में अध्ययनरत 4 आदिवासी छात्राएं अचानक लापता हो गई थी। इसकी भनक तक अधीक्षिका को नही लग पाई थी। इससे छात्राओं के अचानक लापता होने की सूचना परिजनों से मिल गई थी। इससे परिजनों ने ओरछा थाने में पहुचकर छात्राओं के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इससे पुलिस भी छात्राओं की खोजबीन के लिए जुट गई थी। वही छात्राओं के तमिलनाडु में होने की सुचना मिलने पर जिला प्रशासन हरकत में आ गया । इससे जिला प्रशासन की 2 टीमें छात्राओं की खोजबीन के लिए तमिलनाडु के लिए रवाना हुई थी। इससे जिला प्रशासन की टीम को 4 छात्राएं तमिलनाडु में मिल गई है। इससे टीमो ने छात्राओं को अपने कब्जे में लेकर नारायणपुर के लिए निकल गई है। जानकारी के अनुसार जिले अबुझमाड़ ओरछा में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय की 1 छात्र एव आदर्श कन्या आश्रम शाला की 3 छात्राएं कुल 4 छात्राएं 13 नवम्बर को अचानक लापता हो गई थी। इन छात्राओं के लापता होने के बावजूद अधीक्षिका ने इसकी सूचना परिजनों को देने में कोई रुचि नही दिखाई थी। इसके विपरीत अधीक्षिका छात्रा के कपड़े उसके मामा के यहां छोड़ दिए थे। इसके बाद मामा द्वारा छात्रा मुस्कान के कपड़े उसके घर लेकर छोड़कर मुस्कान के बारे जानकारी ली। लेकिन मुस्कान के घर नही पहुचने के बात पता चलने पर मुस्कान की मां आशा ने अधीक्षिका से मुस्कान के बारे में पूछताछ की तो अधीक्षिका ने मुस्कान के लापता होने की बात बताई। लेकिन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने से मना कर दिया। इससे 2 दिन तक मुस्कान को ढूढने के बाद भी पता नही चलने पर नारायणपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुचे। लेकिन मामला ओरछा थाने का था। इससे ओरछा थाने में जाकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस छात्राओं की खोजबिन में जुट गई। के इससे मामले की जांच और पूछताछ के आधार पर छात्राओं के तमिलनाडु जाने की सूचना पर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल 8 सदस्यीय दो दलों का गठन कर इन छात्राओं को ढूढने इन दलों को रवाना किया था। ये छात्राएं तमिलनाडू प्रदेश में पायी गयी है, जिन्हें दल द्वारा वापस लाया जा रहा है।
जिस जगह में नारायणपुर के चार आदिवासी बच्चों को ढूंढा गया वहां से छत्तीसगढ़ के हैं और कई बच्चों को भी छुड़वाया गया ।