शासकीय जिला अस्पताल नारायणपुर का नाम स्वर्गीय बद्रीनाथ बघेल पूर्व विधायक नारायणपुर के नाम से घोषित करने की स्वीकृति : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया हैं।
अबूझमाड़ के विकास को देखकर होती है सबसे बड़ी खुशीः मुख्यमंत्री श्री बघेल
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने किया नारायणपुर के हाईस्कूल मैदान में 128 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 251 नवदंपत्तियों को दिया आशीर्वाद
नारायणपुर, 8 अप्रैल 2022- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नारायणपुर को प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर बताते हुए कहा कि यह अंचल वर्षों से पिछड़ा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पिछले साढ़े तीन वर्षों में किए गए कार्यों से इस अंचल में बदलाव नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि सदियों से अबुझ रहा यह अंचल भी अब विकास की राह में तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है और इस क्षेत्र में हो रहे विकास कार्य को देखकर सबसे अधिक खुशी होती है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा लोगों को मसाहती पट्टा देने का परिणाम है कि वे अब खेतों के समतलीकरण और सोलर पंप के साथ ही आधुनिक खेती की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। अबूझमाड़ियों के जीवन में आ रहा यह बदलाव उनके जीवन के सबसे अधिक खुशनुमा क्षणों में एक है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे आज यहां मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामुहिक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होकर 251 नव दंपत्तियों को सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि नारायणपुर के विकास को गति प्रदान करने के लिए यहां लगभग 128 करोड़ रुपए के विभिन्न कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि अब तक इन गांवों के 788 किसानों को मसाहती खसरा पुस्तिका देकर उनके जीवन में बदलाव की शुरुआत की जा चुकी है। आज के इस कार्यक्रम में भी 500 से अधिक किसानों को मसाहती खसरा पुस्तिका प्रदान की जा रही है।
अब अबुझमाड़ के हमारे किसान भाई भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ ले रहे हैं। मनरेगा के अंतर्गत अब वे भी अपनी भूमि का समतलीकरण करा सकते हैं। अपने खेतों में डबरी निर्माण कराकर मछली पालन भी कर सकते हैं। सौर सुजला योजना का लाभ उठाकर अपने खेतों के सिंचाई की व्यवस्था कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड का अब वे भी लाभ उठा सकते हैं।
उद्यानिकी विभाग के माध्यम से भी किसान भाइयों के लिए मिनी बीज किट, टूलकिट नलकूप खनन, ड्रिप सिंचाई, शेड नेट जैसी अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। नारायणपुर और ओरछा के किसान भाई अब इन योजनाओं का भी लाभ उठा सकते हैं।राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, नदी कछार योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी इन किसान भाइयों मिल रहा है। शासन ने ग्रामीणों, किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, वे तेजी के साथ अंदरुनी गांवों तक पहुंचे इसके लिए पूरे छत्तीसगढ़ में नये जिलों और नये अनुभागों और नयी तहसीलों का निर्माण किया जा रहा है।
नारायणपुर जिले में भी बहुत बड़ी बड़ी तहसीलें थी, जिनके कारण दूर-दराज के गांवों के लोगों को जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र जैसे छोटे-छोटे कामों के लिए परेशान होना पड़ता था। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में भी परेशानी होती थी। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए छोटे डोंगर और कोहकामेटा को तहसील बनाने की घोषणा की गई है। इन नयी तहसीलों से लोगों के काम आसानी से होंगे और सुविधाएं भी बढ़ेगी।
नारायणपुर के साथ विडंबना यह थी कि एक तरफ इसे इतनी सुंदर प्रकृति और संस्कृति का वरदान मिला है तो दूसरी तरफ यह क्षेत्र पिछड़ेपन के अभिशाप को भी झेलने के लिए मजबूर था। बीते सवा तीन सालों में पिछड़ेपन के अभिशाप से खुद को करते हुए नारायणपुर ने अपनी नयी पहचान स्थापित की है। नारायणपुर की ग्रामीण महिलाएं आज दिल्ली-मुंबई तक फूल-झाड़ू का कारोबार कर रही हैं। यहां के बच्चों ने खेल-कूद में राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। मल्लखम्म के क्षेत्र में यहां की प्रतिभाओं को देशभर में पहचान मिली है। इन प्रतिभाओं को और निखारने के लिए नारायणपुर में मल्लखम्म अकादमी की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना योजना के माध्यम से शासन द्वारा चिकित्सा सुविधाओं को गांवों के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है। नारायणपुर जिले की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप यहां बाइक एबुंलेस की शुरुआत की गई। अबुझमाढ़ जैसे अति पिछड़े क्षेत्रों के लिए यह व्यवस्था वरदान साबित हुई है।लघु वनोपजों के संग्रहण के साथ-साथ उनकी प्रोसेसिंग भी स्थानीय स्तर पर की जा रही है। इससे हजारों की संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है।
वनाधिकार देने के मामले में भी छत्तीसगढ़ देश में अव्वल राज्य है। नारायणपुर जिले में अब तक 4913 लोगों को व्यक्तिगत एवं 844 हितग्राहियों को सामुदायिक वनाधिकार पत्र दिए जा चुके हैं। आज के इस कार्यक्रम में भी 32 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र बांटे जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जो सामुदायिक वन संसाधन का अधिकार भी दे रहा है। राज्य में अब तक 03 हजार 528 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके हैं।
मौके पर बस्तर सांसद श्री दीपक बैज, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष और स्थानीय विधायक श्री चन्दन कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती श्यामबती नेताम, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुनीता मंाझी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी सहित आईजी श्री सुंदरराजन पी, कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी, पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार, सहित अन्य अधिकारी एवं क्षेत्र के गणमान्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।