Narayanpur: मूलवासीयो का सदियों से चली आ रही परंपरा रीति रिवाज ग्राम व्यवस्था के खिलाफ कार्य करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए.JJSM
अपने मूल परंपरा छोड़कर मिशनरी परंपरा अपनाए गांव के देव स्थल में बिना सूचना दिए गांव व्यवस्था रूढ़ीप्रथा और परंपरा के विरुद्ध मिशनरी पद्धति से शव दफन किया ।
जनजाति सुरक्षा मंच नारायणपुर का कहना हैं,
सदियों से चली आ रही परंपरा रीति रिवाज वह ग्राम व्यवस्था के खिलाफ कार्य करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग,
पहचान किया जाए कि वहां व्यक्ति किस चर्च से संबंधित है या किस पादरी के संपर्क में आकर ऐसे षड्यंत्रकारी कृत्य में लिप्त है को जांच किया जाए।
और उक्त संदिग्ध रूप से दफन किए शव को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाए।
गोर्रा कांड इतना बड़ा भयानक रूप क्यों
गोर्रा गांव में 31 दिसंबर 2022 को एडका बाराना परगना क्षेत्र के आदिवासी समाज के लोगों ने गांव में बैठक बुलाया था।
गोर्रा गांव में लगभग 28 परिवार बसे हुए हैं, जिसमें 14 परिवार ईसाई मिशनरी समाज में शामिल बताया जा रहा है, ईसाई मिशनरी समाज के लोगो ने अपने चर्च और परिवार वालो को बैठक के बारे में बताया की गांव में बड़ा मीटिंग बुलाई गई है, बैठक शाम को 7 बजे की बताई जा रही हैं।
बैठक में बाराना परगना के पटेल, पुजारी, गायता, सहित लगभग 30 लोग सामिल थे। रात 8 बजे मिशनरी समाज के लगभग 100 मोटर साइकल गोर्रा गांव बैठक पहुंचती हैं, इतने सारे लोग एक साथ वहा बैठे आदिवासी गायता, और पुजारी को मारना शुरू कर दिया उसके बाद वहा बैठे सभी आदिवासियों को रात के अंधेरे में ताबड़तोड़ मारपीट किया जाता हैं मार खाने वाले 15 साल से 80 साल के बुजुर्ग भी सामिल हैं,
बताया जाता हैं की मार पीट इतना भयानक था की लोग जंगलों में रात भर छुपे रहे मारने वाले लोग टार्च के रोशनी में ढूंढ ढूंढ के मार रहे थे।
दूसरे दिन इस भयानक दृश्य का रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई जाती हैं लगभग दर्जनों लोगो को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आदिवासी समाज अब न्याय की गुहार कर रहा था, तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई संतुष्ट जनक कार्यवाही नहीं होती है इसके बाद नारायणपुर बाजार स्थल में लोगों की भीड़ जमा होनी शुरू हो जाती है लगभग डेढ़ से दो हजार लोग पैदल रैली निकालकर शहर के चौक चौराहा में नारे लगाते हुए घूमना चालू करते हैं।
लोगों में बहुत ज्यादा आक्रोश दिख रहा था भिड़ का आधा हिस्सा बंगलापारा कैथोलिक चर्च की ओर बढ़ती हैं, जहा तोड़ फोड़ शुरू होती हैं।
तोड़फोड़ रोकने के लिए जिला के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार सामने आते हैं और भीड़ को छीतर भीतर करने की कोशिश करते है इस दौरान पुलिस अधीक्षक को सर में चोट लगती है और एसपी सदानंद कुमार लहू से तर बरत हो जाते हैं।
कुछ समय के लिए भीड़ शांत हो जाती है और चर्च के आस पास के लोगो को हटाया जाता हैं।
नारायणपुर क्षेत्र में इतना तनाव होने का कारण आदिवासी वर्ग का कहना है हमारी मूल संस्कृति से मिशनरी समाज खेल रही है आदिवासियों को क्रिश्चियन बनाने के लिए जनता को भड़का रही है और आपस में लड़ा रही हैं।