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CHHATTISGARH : ओरछा के आदिवासी जंगल और जमीन बचाने के लिए एकजुट हो गए हैं। आदिवासी खदान के विरोध में 5 माह से प्रदर्शन कर रहे हैं। जाने और किन-किन चीजों का विरोध कर रहे ।

 ओरछा के आदिवासी जंगल और जमीन बचाने के लिए एकजुट हो गए हैं। यहां पर आदिवासी खदान के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

नारायणपुर – 13/06/2023

 नारायणपुर जिले के ओरछा के पास हजारों की संख्या में आदिवासी मौजूद इकट्ठा हो गए हैं। घने जंगलों के बीच पारंपरिक हथियारों के साथ महिला और पुरुष आदिवासी धरने पर बैठे हैं। आदिवासी जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए ओरछा के पास नदीपारा में बैठकर 5 महीना से धरना दे रहे हैं।  पुलिया सड़क और पुलिस कैंप बनाने की विरोध में बैठे हैं आदिवासी

आदिवासियों ने कहा कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर किसी भी प्रकार के दुपहिया और अन्य वाहनों का आवागमन बर्दाश्त नहीं करेंगे।
खदान, रोड और कैंप को लेकर विरोध शुरू किया है।

2 हजार से अधिक की संख्या में आदिवासी ओरछा के नदीपारा के पास हजारों की संख्या में आदिवासी मौजूद हैं. घने जंगलों के बीच पारंपरिक हथियारों के साथ महिला और पुरुष आदिवासी धरने पर बैठे हैं. आदिवासी जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए नदीपारा के पास जंगल में बैठे है ,

नारायणपुर जिले के आमादई खदान को सराकर ने निक्को कंपनी को लीज पर दिया है। निक्को कंपनी धड़ल्ले से पहाड़ को खोद रही  है , खदान शुरू से जंगल का जनजीवन खराब हो रही है । ऐसे में आदिवासियों ने खदान शुरू होने से इलाके को नुकसान हो रहा हैं कह रहे हैं।  अब आदिवासियों ने खदान का विरोध फिर से शुरू कर दिया है।

आदिवासियों का कहना है खदान के शुरू होने से हमारे जल, जंगल और जमीन को भारी नुकसान हो रहा। हम अपनी धरती को भगवान की तरह मानते हैं। ऐसे में निजी कंपनी के दखल से हमारा इलाका सुरक्षित नहीं हैं ।
हमारी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक हम हजारों की संख्या में धरना देंगे ।

https://youtu.be/V0rbeVoiD7A

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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