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कला और संस्कृतिछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ किया।

छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ किया।

छत्तीसगढ़ लोक साहित्य के दूसरे सत्र के अध्यक्ष श्री रामेश्वर वैष्णव ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

श्री रूपेश तिवारी ने “ए ग जवईया सुन तोर ठहराव कहा हे,शहरिया चकाचौंध म तोर गांव कहा हे” जैसे कविता से शमा बांधा।

बंटी छत्तीसगढ़िया ने” बेटी सुख के आंखी, ऊही दिया उही बाती, तीपत तेल न झन डार ग,बेटी ल पेट म झन मार ग” से अपनी कविता प्रारंभ किया।

 

सुश्री जयमती कश्यप ने हल्बी और

श्री नरेंद्र पाढ़ी ने शादरी एवं भतरी में अपनी कविता का वाचन किया।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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