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कला और संस्कृतिछत्तीसगढ़नारायणपुर

समता साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा जिले के 6 विभूतियों को सम्मानित किया गया।

समता साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा जिले के 6 विभूतियों को सम्मानित किया गया।

समता साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा 22 जनवरी, रविवार को क्रांतिवीर गैंदसिंह शहादत दिवस स्मृति प्रादेशिक सम्यक प्रबोधन सम्मेलन का आयोजन गोंडवाना भवन धमतरी में किया गया।

भागेश्वर पात्र, साहित्यकार एवं सामाजिक शोधकर्ता नारायणपुर के मुख्य आतिथ्य में आयोजित सम्मेलन में प्रांताध्यक्ष जी.आर.बंजारे ” ज्वाला ” द्वारा गेंदसिंह नायक की जीवनी और पराधीनता से मुक्ति के संग्राम में उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया। उक्त अवसर पर मांदरी लोकनृत्य, धनकुल लोकगीत की आकर्षक प्रस्तुति कलाकारों द्वारा दी गई एवं प्रदेश के विभिन्न जिलों से पधारे कवियों द्वारा काव्यपाठ किया गया एवं भागेश्वर पात्र की रचना”हल्बा जनजातीय इतिहास, संस्कृति एवं शक्ति दिवस “और ” छतीसगड़ राज चो पहिला सहीद -गेंदसिंग ” का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।

नारायणपुर जिले से शिक्षा, साहित्य, लोक संस्कृति एवं सामाजिक सेवा में उत्कृष्ट योगदानकर्ता ईश्वर कश्यप और संतुराम नुरेटी को महात्मा ज्योतिबा फूले समता अवॉर्ड,मंगलू उसेंडी को डॉ.भीमराव अंबेडकर स्वाभिमान अवार्ड, देशराज यदु को समता साहित्य रत्न अवॉर्ड एवं सोनबती राना और सुलबती गागड़ा को सांस्कृतिक दूत अवार्ड से सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि सोनबती राना और सुलबती गागड़ा धनकुल जगार की गुरुमांय हैं।लोककाव्य धनकुल गायन में माहिर होने के कारण अंचल में इनकी प्रतिष्ठा है। देशराज यदु अपनी आंचलिक पृष्ठभूमि पर आधारित कविताओं के जरिये उभरते युवा कवि के रूप में पहचान बना चुके हैं।

उक्त अवसर पर अकादमी की संरक्षक सुशीला देवी वाल्मीकि , डॉ.राखी कोर्राम,लच्छिन्दर नाग,बलदेव राम दर्रो, डॉ.जगन्नाथ बघेल,लोकनाथ गागड़ा,इंजी.एम.डी.साहू “पथिक”,अवतार सिन्हा ” अंगार”,कमल किशोर ताम्रकार एवं बुद्धिजीवी शामिल थे।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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