CG – अबूझमाड़ कांडुलपार में नवीन पुलिस कैंप खुलते ही 05 माओवादियों ने हथियार के साथ किया आत्मसर्पण।

जिला नारायणपुर में धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कांडुलपार में नवीन पुलिस कैंप खुलते ही 05 माओवादियों ने हथियार के साथ किया आत्मसर्पण।
*जनताना सरकार अध्यक्ष एवं डी. के. एम. एस अध्यक्ष सहित 05 माओवादियों ने किया समाज के मुख्य धारा में जुड़ने की ली शपथ।*
*जिला नारायणपुर के कुतुल एरिया कमेटी के अन्तर्गत परलकोट Los में सक्रिय थे आत्मसमर्पित माओवादी*
*सुरक्षा बलों के लगातार प्रयासों के फलस्वरूप माओवादी आत्मसमर्पित होकर समाज की मुख्यधारा से जुड़कर स्वच्छंद रूप से चाह रहें है सामान्य जीवन जीना*
*नियद नेल्लानार योजना के वृहत प्रचार-प्रसार एवं विकास कार्य के साथ सुरक्षा बलों द्वारा स्थानीय लोगों के दिलों में जगाया गया विश्वास है*
*वर्ष 2025 में जिला नारायणपुर में अब तक कुल 92 बड़े/छोटे कैडर के माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण*
*माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50 हजार का चेक प्रदाय किया गया एवं उन्हें नए नक्सल उन्मुलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा*
श्री सुन्दरराज पी. (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, श्री अमित तुकाराम काम्बले (भा.पु.से.) पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज कांकेर के मार्गदर्शन, श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री नरेन्द्र सिंह सेनानी 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री दुष्यंत राज जयसवाल सेनानी 29वीं वाहिनी आईईटीबी, श्री राजीव गुप्ता 45वीं वाहिनी आईटीबीपी, श्री अमित भाटी 53वीं वाहिनी आईईटीपी, श्री नवल किशोर 135वीं वाहिनी बीएसएफ, श्री कमल सिंह शर्मा 133वीं वाहिनी बीएसएफ एवं अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में नारायणपुर पुलिस द्वारा आईटीबीपी, बीएसएफ, एसटीएफ की संयुक्त बल साथ माओवादियों के विरूद्ध क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी ‘‘माड़ बचाव’’ अभियान चलाये जा रहे है।
नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर आज दिनांक 11.04.2025 को श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, श्री रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) , श्री सुशील कुमार नायक अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, उप पुलिस अधीक्षक श्री कुलदीप बंजारे अमृता पैकरा उप पुलिस अधीक्षक के समक्ष भरमार हथियार व आइएडी मे प्रयुक्त किये जाने वाले एक नग कुकर के साथ आत्मसमर्पण किये। आत्मसमर्पण करने पर सभी को प्रोत्साहन राशि 50 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। इस अवसर पर अन्य अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
*आत्मसमर्पित के नाम/पद*
1. लिमचु वड़दा पिता स्व. पंडरा वड़दा उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम बेरेलटोला पंचायत पांगुड़ थाना सोनपुर जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- बेरेलटोला जनताना सरकार अध्यक्ष, ईनामी 01 लाख
2. सुक्कू नुरेटी पिता स्व. गोर्वधन उम्र 38 वर्ष निवासी ग्राम बेरेलटोला पंचायत पांगुड़ थाना सोनपुर जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनामी 02 लाख
3. कृष्णा नुरेटी पिता बसुराम उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम बेरेलटोला पंचायत पांगुड़ थाना सोनपुर जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- मिलिशिया सदस्य
4. लालू राम मण्डावी पिता स्व. ढेलू राम उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम बेरेलटोला पंचायत पांगुड़ थाना सोनपुर जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- बेरेलटोला सरकार सदस्य
5. कटियाराम मंडावी पिता स्व. ढेलू राम उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम बेरेलटोला पंचायत पांगुड़ थाना सोनपुर जिला नारायणपुर (छ.ग.) पद- नक्सल सहयोगी
छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति नियद नेल्लानार के वृहत प्रचार-प्रसार एवं बड़े कैडर के माओवादियों के आत्ससमर्पण पश्चात सरकार द्वारा उनको दी जा रही विभिन्न सुविधाओं से पुनर्वास की प्रक्रिया की सरलता से प्रभावित होकर ये सभी माओवादी आत्मसमर्पण किये है।
माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में चलाये जा रहे विकास कार्य बड़ा कारण रहा तेजी से बनती सड़कें, गावों तक पहुँचती विभिन्न सुविधाओं ने इन्हें प्रभावित किया है। संगठन के विचारों से मोहभंग एवं मिली निराशा, संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद इनके आत्मसमर्पण का बहुत बड़ा कारण है। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति ने उन्हें नई उम्मीद दी है। आत्मसमर्पित माओवादी क्षेत्रान्तर्गत सक्रिय रूप से कार्यरत रहे है।
आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की गोपनीय आसूचना है। आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस एवं आईटीबीपी, बीएसएफ का विशेष योगदान है। इस प्रकार नक्सलियों का हो रहे आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सल मुक्त माड़ बचाव अभियान की कल्पना साकार रूप ले रहा है।
*एसपी नारायणपुर श्री प्रभात कुमार (भा.पु.से.) ने* कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए सोचा है, और ‘‘माड़ बचाओ अभियान” ने उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।
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