
बसंत पंचमी के अवसर पर
बालक उ.मा.वि.में संपन्न हुआ सरस्वती पूजन का कार्यक्रम
नारायणपुर:- 3 फरवरी 2025
बालक उ.मा.वि.में विद्या,बुद्धि और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की आराधना का पर्व बसंत पंचमी अत्यंत श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय में विविध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पार्पण के साथ हुआ। विद्यालय के शिक्षिका भावना नाग द्वारा प्रस्तुत “या कुन्देन्दु तुषार हार धवला” भजन से वातावरण भक्तिमय हो गया। तत्पश्चात विद्यालय के विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर ज्ञान और विद्या की देवी का आह्वान किया। इस आयोजन में शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुदीप झा, सदस्य अजय प्रसाद रंघाटी, विद्यालय के प्राचार्य मनोज बागड़े, समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। विद्यालय परिवार ने सभी आगंतुकों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य मनोज बागड़े ने विद्यार्थियों को बसंत पंचमी के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी न केवल ऋतु परिवर्तन का संकेत देती है, बल्कि यह शिक्षा, कला और संस्कृति के उत्थान का भी प्रतीक है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा ही जीवन का सबसे मूल्यवान धन है और मां सरस्वती की कृपा से हम सभी सफलता के पथ पर अग्रसर हो सकते हैं। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुदीप झा ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को सदैव ज्ञान के प्रति जागरूक रहना चाहिए और निरंतर सीखने की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए। उन्होंने माता-पिता और शिक्षकों के मार्गदर्शन को सर्वोपरि मानते हुए विद्यार्थियों को मेहनत और अनुशासन का महत्व समझाया। अजय प्रसाद रंघाटी ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना नहीं, बल्कि जीवन में नैतिकता, अनुशासन और सच्चाई के मार्ग पर चलना है। इस पावन अवसर पर विद्यालय परिसर को पीले फूलों, बंदनवारों और रंगोली से सजाया गया था। कार्यक्रम के अंत में सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मां सरस्वती से ज्ञान, विवेक और सृजनशीलता का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु सामूहिक प्रार्थना की इसके पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। इस प्रकार, बसंत पंचमी का यह आयोजन सभी के लिए शिक्षाप्रद, आध्यात्मिक और प्रेरणादायक बना।