header ads
कला और संस्कृति

छत्तीसगढ़ राज्य आदिम संस्कृति,कला एवं साहित्य संस्थान का आयोजन -धनकुल

छत्तीसगढ़ राज्य आदिम संस्कृति,कला एवं साहित्य संस्थान का आयोजन –

धनकुल एक परिचर्चा 13 अक्टूबर , रविवार को छत्तीसगढ़ राज्य आदिम संस्कृति,कला एवं साहित्य संस्थान के तत्वधान में ,ग्राम -जंजाली पारा ,कोरर जिला – कांकेर में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।आदिम संस्कृति में धनकुल गीत एवं वाद्य यंत्र का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। धनकुल गीत अलिखित एवं मौखिक साहित्य है।धनकुल गीत आदिम जीवन शैली का हिस्सा है। धनकुल गीतों के माध्यम से प्रकृति का स्मरण,आभार,जीवन शैली के रहस्यों को अभिव्यक्त किया जाता है । वर्तमान समय में धनकुल गीत एवं वाद्य यंत्र लुप्त होने के कगार पर है। धनकुल एक परिचर्चा में धनकुल गीत के जानकार एवं आदिम जनजातीय शोधकर्ताओं से जानने व समझने का अवसर मिलेगा और धनकुल गीत एवं वाद्य यंत्र को बचाने हेतु विशेष प्रयास किए जाएंगे। इस परिचर्चा में श्री कृष्ण पाल राणा (लोक साहित्यकार),दामेसाय बघेल आदिम जनजाति शोधकर्ता ,भागेश्वर पात्र आदि सम्मिलित होंगे।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!