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कला और संस्कृति

कृषि महाविद्यालय नारायणपुर में मनाया गया पराक्रम दिवस

कृषि महाविद्यालय नारायणपुर में मनाया गया पराक्रम दिवस

*सोनकर ने कहा -‘चलो दिल्ली’ जैसे नारे देकर नेताजी ने देश के युवाओं का जोश बढ़ाया।*

नारायणपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र नारायणपुर में आज पराक्रम दिवस (सुभाष चंद्र बोस जयंती) डॉ. रत्ना नशीने, अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम अधिकारी, रा.से. यो. के मार्गदर्शन में किया गया। आयोजन में स्वयंसेवक, अधिकारी तथा कर्मचारी ने मिलकर नेताजी की जीवन के संस्मरण, उपदेशों और संघर्षों के बारे में चर्चा और उद्बोधन दिया। कार्यक्रम डॉ. जीवन लाल नाग, प्राध्यापक, उद्यानिकी ने बताया कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयन्ति को आधिकारिक रूप से पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है जिससे कि हम भारतवासी नेताजी के शौर्य गाथाओं से और उनकी जीवन से प्रोत्साहित होकर मनुष्य स्वयं को एक सशक्त और सुदृढ़ व्यक्तित्व प्रदान करे और अपने देश की आज़ादी के लिए दिए गए बलिदान के बारे में भी अवगत रहें। इसी तारतम्य में अतिथि शिक्षक पादप रोग विज्ञान श्री संजय सोनकर जी ने बताया अपने संभाषण में उद्बोधित किया कि वर्ष 2021 में हमारे देश के यशश्वी प्रधान मंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने नेताजी के पराक्रम को सम्मान और सराहना देने के लिए इनके जन्मदिवस को पराक्रम दिवस के स्वरूप में प्रत्येक वर्ष मनाने शुरुवात की। इसी क्रम में सोनकर जी ने कहा कि – आजादी के लिए नेताजी का नजरिया बड़ा साफ था। उन्‍हें पता था कि यह थाली में परोसकर नहीं म‍िलेगी। इसकी देशवासियों को कीमत चुकानी पड़ेगी। इसी के चलते उन्‍होंने आजादी के आंदोलन से युवाओं को जोड़ा। ‘जय हिंद’, ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’, ‘चलो दिल्ली’ जैसे नारे देकर देश के युवाओं का जोश बढ़ाया।

कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, केरलापाल, नारायणपुर में इस विशेष अवसर पर धनीराम मौर्य, कृति यादव, अनुज यादव, तामेश्वर, खुशी खुशबू मिंज, दीपक चंद्राकर, मंथन मण्डल ने अपने विचार प्रकट किए। अंगद राज बग्गा, कीर्ति साहू, मौसमी बछाड़, दिव्यांशु नाग, खुशबु बांजरा समेत अन्य स्वयं सेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन देवव्रत और थबीर नाथ के द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन अनुज यादव के द्वारा किया गया।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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