अबूझमाड़ के ढोढेरबेड़ा मेटानार में 1 नवंबर 2022 से लगातार आदोलन कर रहे ग्रामिणों की मांग हैं की बीना ग्रामसभा के पुल-पुलिया और पुलिस कैंप का विरोध और जल जंगल जमीन को लूटने का आरोप लगा रहे आदिवासी ग्रामीण
सरकार आदीवासी क्षेत्र में सैनिक पुलिस छावनी बना कर जल-जंगल अमीन की लुट कर रही है।
साम्राजवाडी, कारपोरेट (निजी) कम्पनियों के पास बेच रहा है, इन सब काम से नाराज आदिवासी लगातार विरोध कर रहे हैं।
कार्पोरेट कम्पनियां आदिवासीयों को लालच दिखाकर जमीन छिन रही है।
आदिवासी क्षेत्र में जो विकास होना चाहिए था ओ अब तक नहीं हुआ।
आज भी अबझमाड़ विकास से कोसो दूर
अबूझमाड़ क्षेत्र में DRG के जवान आदिवासियों को बिना कोई वजह के नक्सली केश में जेल डाल देती है। जिनके कारण पुलिस का विरोध करते हैं।
DRG के जवान पहले नक्सलि में थे वही पुलिए के खिलाख भड़काना, पुलिस के खिलाख आवाज उठाना और हथियार चलाना ये काम पहले नक्सली में रहकर कर चुके हैं। इसके बाद यही नक्सली सरेंडर करके वही लोग ‘आदिवासीयों को नक्सली झूठा मुठभेड़ के केस में जेल डाल रही हैं।