बेमिसाल इंजीनियरिंग बंधवा तालाब के किनारे समय पर नाली नहीं बनाया अब प्रकृति का खेल चालू
किसी क्षेत्र का विकास और सुंदर बनाने में इंजीनियर का बड़ा हाथ होता है । इंजीनियर चाहे तो पहाड़ों में कालोनी बना सकता है ,समुद्र की गहराई में जाने वाली पनडुब्बी जैसे अविश्वसनीय आविष्कार कर सकता है, पर इंजीनियर अगर भ्रष्टाचारी हो तो बड़ी-बड़ी ब्रिज चंद मिनटों में धराशाई करा सकता है।
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिला मुख्यालय में बीती रात एनएच रोड में पहली हल्की बारिश में ही अचानक बंधवा तालाब का मेढ़ धसने लगा और सड़क किनारे गिरने लगा।
तालाब की सुरक्षा के लिए लगाए गए फेंसिंग वाल लगभग 200 मीटर गिर गई जिससे गुजरने वाले वाहन सवार और आसपास के लोग दहशत में आ गए । क्योंकि तालाब के किनारे में विद्युत पोल लगे हुए है ।
जिसे देखते हुए आसपास के लोगो ने सड़क के दोनो किनारे मार्ग को बंद किया ताकि पोल गिरने से कोई बड़ी दुर्घटना से लोग बच सके । एनएच चौड़ीकरण के दौरान बंधवा तालाब के किनारे समय रहते नाली निर्माण होना था नाली निर्माण नहीं होने के कारण बारिश का पानी तालाब के मेढ को नीचे से काटना शुरू कर दिया है जिसके कारण ऊपर का हिस्सा गिर रहा है।
पीडब्ल्यूडी इंजीनियर और ठेकेदार की मनमानी से आज नारायणपुर का ऐतिहासिक तालाब खतरे में है अभी बारिश शुरू ही हुआ है कि पहली हल्की बारिश में ही रोड निर्माण कार्य में लापरवाही दिख रही है।
शहर के बीचो-बीच निर्माण हो रहे एनएच सड़क का कोई मापदंड नहीं है, लोक निर्माण विभाग नारायणपुर अपनी मर्जी से जैसे चाहे बना रहा ।
नारायणपुर शहर के बीचो- बीच बन रहा हाईवे रोड भ्रष्टाचारियों के भेंट चढ़ते नजर आ रही है , सड़क का सही मापदंड एक जैसा नहीं अपनी मर्जी से हाईवे की सड़क को बनाए जा रहा है कहीं नाली आड़ा तिरछा तो कहीं रोड में ही बोर लगा हुआ है।
रोड के दोनों ओर फुटपाथ बननी चाहिए थी जहां पैदल चलने वाले लोगों के सुरक्षा के लिए बनाया जाता है देश में पहला हाईवे रोड है जहां फुटपाथ नहीं हैं।
शहर के बीच में रोड का डिजाइन ऐसा है की हर 50 मीटर में एक दुर्घटना होगा।