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कला और संस्कृतिछत्तीसगढ़नारायणपुर

कोया मुल्ल सेवा संस्थान द्वारा कोया भाषा पर आधारित प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम एवं सम्मान समारोह का आयोजन 

 

 

कोया मुल्ल सेवा संस्थान द्वारा कोया भाषा पर आधारित प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम एवं सम्मान समारोह का आयोजन

कोया समुदाय की भाषा ,संस्कृति एवं उनकी बाना-बानी की संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कोया मुल्ल सेवा संस्थान के द्वारा दिनाँक 09.10.2022 को प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया गया था ।इस परिणाम एवं सम्मान समारोह का शुभारंभ नार्र गायता के उपस्थिति में जिम्मीदारी यायान, बुमयार्रक कुन, पाट पेन्क कुन गोहार करके,”जिम्मीदारी दरती याया” ना “सेवा अरजी” पाटा से किया गया तथा खरसावां नरसंहार 1जनवरी 1948 के शहीदों के लिये दो मिनट का मौन धारण किया गया । दिनाँक 01.01.2023 को परीक्षा परिणाम की घोषणा आज के कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं संस्थान के निदेशक तिरुमाल कुमुट रायसिंग ,संरक्षक तिरुमाल- कुमुट मेहतुराव व मुख्य अतिथि दुग्गाल परगना के माजी( मांझी) तिरुमाल- रामूराव दुग्गा एवं गोटाल परगना के माजी तिरुमाल- मंगतू ध्रुवा के समक्ष विशेष अतिथि तिरुमाल आर.सी. दुग्गा वन संरक्षक जगदलपुर छत्तीसगढ़ शासन ,डॉ. एस. आर.कुंजाम प्राचार्य शासकीय पी. जी.कॉलेज नारायणपुर के द्वारा किया गया तथा सभी अतिथियों को पारंम्परिक ताज “पागा” से सम्मानित किया गया।

इसके बाद संस्थान के निदेशक तिरुमाल कुमुट रायसिंग के द्वारा प्रस्तावना एवं उद्देश्य के बारे में बताया कि वर्तमान समय में कोया समुदाय के लोगों में विकास के साथ-साथ अपनी मूल संस्कृति, रीति-नीति व अपनी भाषा को, जैसे -जैसे शिक्षित हो रहें वैसे -वैसे भूलते जा रहें है ।आदिकाल से स्थापित की गई सभ्यता को संरक्षण करते हुये बनाये रखने के लिये “कोया मुल्ल सेवा संस्थान” का निर्माण किया गया है । इस संस्थान की प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:- भाषा एवं बाना-बानी के क्षेत्र में कार्य करना, शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करना , स्वास्थ के क्षेत्र में कार्य करना ,व्यापार एवं व्यवसाय के क्षेत्र में कार्य करना , कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में कार्य करना ,पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में कार्य करना ,विधि वकालत व शोध कार्य की क्षेत्र में कार्य करना है ।उक्त उद्देश्यों में से संस्थान के द्वारा नारायणपुर जिले के ग्राम -सुलेंगा एवं वाकुलवाही में प्राथमिक स्तर शिक्षा का कोचिंग दिया जा रहा है जो कि निःशुल्क है इससे ग्रामवासियों व बच्चों में काफी उत्साह है ।

कोया भाषा प्रतियोगिता परीक्षा के उद्देश्य व भाषा संरक्षण के बारे में तिरुमाल आर.सी.दुग्गा वन संरक्षक जगदलपुर , डॉ. एस. आर. कुंजाम प्राचार्य शासकीय पी.जी.कॉलेज नारायणपुर ,तिरुमाल हुर्रा महेश कोयतूर वैज्ञानिक “कोया पुनेम शोध संगत एवं प्रशिक्षण संस्थान” लिंगों पेनकड़ा वल्लेकनार , तिरुमाल प्रमोद पोटाई समाजिक कार्यकर्ता, मैनु कुमेटी जिला सचिव गोंडवाना समाज नारायणपुर ,पटाव सुकदू “सेवा मुल्ल एवं प्रशिक्षण संस्थान वल्लेकनार” ने बताया कि संवैधानिक अधिकारों 19(5) ,19(6) से अनुसूचित क्षेत्रों को प्राप्त अधिकारों से आदिवासी समुदाय को उनके हक और अधिकारों की जानकारी और ज्ञान से ही आदिवासी समुदाय को सामाजिक, सांस्कृतिक, रीति-रिवाज ,रूढ़ि प्रथा ,मान्यता और परम्पराओं को बचाया जा सकता है तथा भाषा की अस्तित्व से हमारी पहचान को बचाया जा सकता है ।

इस प्रतियोगिता परीक्षा में लगभग 372 परीक्षार्थी सम्मलित हुये थे ,इसमें प्रथम स्थान शामबती उईके ,द्वितीय स्थान पटाव सुकदू ,तृतीय स्थान सुखदेव कुमेटी । प्रथम स्थान को 10000/-एवं प्रशस्ति प्रमाण पत्र ,द्वितीय स्थान को 5000/- एवं प्रशस्ति प्रमाण पत्र ,तृतीय स्थान को 3000/- एवं प्रशस्ति प्रमाण पत्र के साथ पारम्पारिक ताज “पागा” से सम्मानित किया गया और इन तीनों के अलावा सभी परीक्षार्थीयों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया । इस कार्यक्रम में सभी उपस्थित अतिथियों एवं परीक्षा का सफलतापूर्वक संचालन करने वाले सभी पर्यवेक्षकों और अमूल्य समय देने वाले सभी परीक्षार्थीयों का आभार प्रकट “कोया मुल्ल सेवा संस्थान” के संरक्षक ,कोयतूर वैज्ञानिक, चिंतक, लेखक तिरुमाल कुमुट मेहतुराव व सलाहकार तिरुमाल होड़ी आभिलाल के द्वारा किया गया ।इस कार्यक्रम का संचालन तिरुमाल दुग्गा जैतराव और करँगा पुनाऊ के द्वारा किया गया । इस आयोजन में संस्थान के संस्थापक सदस्य तिरुमाल पटावी सोमदेर, करँगा जैनु ,उईके सुन्हेर , नुरूटी वीरेंद्र, उईके संतप्रासद, नेताम सूरज, नुरूटी दसरू, वड्डे शंकर, कवड़ो रामनाथ, उसेण्डी जागेश्वर, तिरुमाय कुमुट रामबती , पटाव अशोदा ,करँगा पुनाय ,करँगा घसनी, होड़ी लच्छन्ति, वड्डे फुलमा आदि सहित 400 सौ की संख्या में प्रतिभागी उपस्थित थें ।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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