संवादाता – संजय पुरी
छत्तीसगढ़ – जशपुर जिले के पंडरापाठ क्षेत्र की अनुकूल जलवायु के मद्देनजर यंहा फलोद्यान विस्तार की खातिर शासकीय योजनाओं की रफ्तार भले ही धीमी है, लेकिन मनोरा का करदना गांव के एक किसान ने अपनी पहाड़ी भूमि पर सेव का बगान तैयार कर महज दो साल में ही सेव की पैदावार भी ले ली है.
रंजनू चिक ने अपने बगान मे सेव के 50 पौधे रोप कर इनमें खाद पानी के साथ अच्छी देखरेख कर लेने से अब इस बगान में सेव की पैदावार दिखाई देने लगी है. इस किसान की दृढ़ इच्छाशक्ति से तैयार सेव का बगान और पेडों में लगे सेव फलों को देखने के लिए दूर दूर के अन्य किसान भी पहुंच रहे हैं.
करदना गांव के रंजनू चिक ने बताया कि दो वर्ष पहले हिमाचल प्रदेश से सेव के पौधे मंगवा कर अपनी पहाड़ी जमीन पर सेव का बगान तैयार किया था.
पंडरापाठ अंचल में रसभरी नाशपाती और लीची,चीकू की शानदार पैदावार को देख कर ही इस किसान ने सेव की खेती करने का दृढ़ निश्चय किया था।
दरअसल, जशपुर जिले के दूरस्थ गांवों में वनवासियों के लिए खेती किसानी , शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा कार्य करने वाला कल्याण आश्रम ने इस किसान की फलोद्यान खेती में रूचि देखकर इसके लिए हिमाचल प्रदेश से 50 सेव के पौधे उपलब्ध कराऐ थे. रंजनू किसान अपने सेव बगान मे अच्छी पैदावार देख कर जल्दी ही इस बगान का विस्तार करने की तैयारी में जुट गया है. यहां हिमाचल प्रदेश और कश्मीर की तरह सेव की अच्छी पैदावार देखकर अब आसपास के दर्जन भर गांव के अन्य किसानों ने सेव के पौधे रोपने की तैयारी शुरू कर दी है।