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गौठानों की जमीनी हकीकत, नारायणपुर में खुल गई पोल, मुख्यमंत्री प्रवास पर जादू की छड़ी से, केरलापाल गौठान में एक दिन में गोबी, मुली, गाजर उगाई गई थी तो ​अब एक साल बाद कबाड़ में तब्दील ।

गौठानों की जमीनी हकीकत, नारायणपुर में खुल गई पोल, मुख्यमंत्री प्रवास पर जादू की छड़ी से, केरलापाल गौठान में एक दिन में गोबी, मुली, गाजर उगाई गई थी तो ​अब एक साल बाद कबाड़ में तब्दील ।

नारायणपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी के तहत छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों के ग्राम पंचायतों में आदर्श गौठान का निर्माण तो कराया गया है। लेकिन गौठान की स्थिति अब बदहाल गौठान का निरीक्षण किया। हमने पाया कि यह तो गोठान ही नहीं हैं, और जहां हैं वहां की व्यवस्था बेहाल है।

जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर केरलापाल में 9 जनवरी 2021 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का दौरा था । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यहां बने गौठान का उद्घाटन करना था गौठान को 1 दिन में रातों-रात जादू की तरह चकाचक कर दिया गया 1 दिन में सब्जियों की कई वैरायटी आ तैयार कर दिया गया जैसे गोबी, मूली, गाजर, बैगन, टमाटर जैसे तरह-तरह के फूल सब्जियों से भर दिया गया ऐसा लग रहा था जैसे यहां हर मौसम खेती-बाड़ी की जाती है पर इसकी जमीनी हकीकत कुछ और थी सामने आया सच कारण है था मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खुश करना।

एक साल पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोठान योजना की शुरुआत की थी। बड़े जोर- शोर से शुरू हुई इस योजना के तहत, गोठानों का निर्माण कराया जाना था। प्रदेश में गोठान तो बहुत बने लेकिन उनके हालात क्या हैं, इसका हमने जमीनी हकीकत देखा ।

केरलापाल गांव में लगभग 5 एकड़ की जमीन पर गोठान बनाया गया है, लेकिन यहां अभी तक फेंसिग और मुरुम ही बिछाई गई है। इलाके के मवेशी खुले में घूम रहे हैं, जो लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं और ना ही वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम चल रहा है ,

गोठानों में एक के बाद एक सच्चाई सामने आ रही है।

मवेशियों के लिए शेड ही नहीं बने हैं। बारिश के मौसम में अगर कोई किसान अपना मवेशी रखना चाहेगा तो वो कैसा रखेगा यहां पर मवेशी रखने का कोई व्यवस्था बनाया ही नहीं गया
ऐसे में यहां के हालात क्या होंगे आप अंदाजा लगा सकते हैं। और यहां बोर्ड में लिखा हुआ है कुल पशुओं की संख्या 215 अब पशु पता नहीं कौन से फाइल में चले गए।

केरलापाल गौठान में गोबर विक्रेता पंजीकृत परिवार 113 कार्य कर रहे महिला समूह की संख्या 15 और जाने क्या-क्या है
जैविक खाद निर्माण चारागाह विकास गुलाब पौधे का रोपण आम पौधों का रोपण केला पौधों का रोपण अमरुद पौधे का रोपण सब्जियों की सभी वैरायटी

मांस और अंडा मे लाभकारी मुर्गा पालन कड़कनाथ , सुपोषण वाटिका, जैसे कई बड़े-बड़े कार्य यहां होते हैं इस बात को 1 साल पहले केरलापाल पंचायत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया था जिसकी जमीनी हकीकत आज हमने देखा।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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