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बेल: इस बेमिसाल फल के औषधीय गुणों से बेहद कम लोग परिचित है।

सेहत संदेश

बेल: इस बेमिसाल फल के औषधीय गुणों से बेहद कम लोग परिचित है।

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बेल एक ऐसा फल है जिससे ज्यादातर लोग परिचित नहीं हैं. यह फल पॉपुलैरिटी के मामले में बहुत पीछे है।यह गुणकारी शुद्ध देसी फल प्रचार -प्रसार के अभाव में गांव -कस्बो तक ही सिमट कर रह गया हैं लेकिन इसके फायदे कहीं आगे हैं. ठंडी तासीर वाले इस फल के ढेरों फायदे हैं, जिस वजह से यह गांव में बहुत उपयोगी माना जाता है. वहां छोटे-मोटे दर्द या परेशानी में डॉक्टर को दिखाने से पहले इस फल का दवाइयों की तरह इस्तेमाल में लाया जाता है. बेल, इसके पत्ते और इसकी जड़ें सभी को इस्तेमाल में लाए जाते हैं ।
बेल का बाहरी आवरण बहुत ही कठोर व गोल होता है, इसके पेड़ के सभी भाग औषधीय और आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए उपयोग किये जाते है। यह प्रकृति द्वारा दिया गया नायाब उपहार है जो हल्के हरे रंग से शुरू होता है और पकने के बाद पीला रंग ले लेता है। इसमें पौष्टिक,मीठा, सुगंधित और रेशेदार गूदा होता है।बेल के फल का जीवनकाल काफी लंबा होता है. पेड़ से टूटने के कई दिनों बाद भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. बेल का इस्तेमाल कई तरह की दवाइयों को बनाने में तो किया जाता है ही साथ ही ये कई स्वादिष्ट व्यंजनों में भी प्रमुखता से इस्तेमाल होता है. बेल में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, राइबोफ्लेविन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

भारतीय इतिहास में बेल का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार के लिए सदियों से किया जा रहा है, आइए जानते है बेल के वे गुण जिन्हें जानकर आप इसका सेवन किये बिना नहीं रह पाएंगे।

बेल के फायदे
बेल भारत के आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में विशेष स्‍थान रखता है, संस्कृत के स्‍वास्‍थ्‍य सेवा ग्रंन्‍थ में लिखा है। बेल के पेड़ के सभी भाग तना, छाल, जड़, पत्तियां और फल में औषधीय गुण होते है। बेल जिसे लकड़ी का सेव भी कहते है इसमें बीटा कैरोटीन (beta carotene) होता है जो हमारे दिल के लिये बहुत लाभकारी होता है। इसके अलावा इसमें थाइमिन है जो विटामिन से प्राप्त होता है। इसलिए जिगर की समस्याओं से बचने के लिए बेल का नियमित सेवन करना चाहिए।

बेल के फायदे कब्ज को दूर करने के लिए – Bael for Anti-constipation in Hindi
पेट की आंतों को साफ करने का सबसे अच्छा विकल्प पका हुआ बेल होता है। यदि इसका नियमित रूप से रोजाना सेवन किया जाये तो यह हमारे पेट की बहुत सी परेशानियों को दूर कर सकता है।

पके हुए बेल से बीजों को अपशिष्‍ट के रूप में अलग कर गूदे को दूध और चीनी के साथ अच्छे से मिलाकर उसका उपयोग किया जा सकता है। इसलिए कब्ज से दूरी बनाने के लिए आपको बेल का सेवन करना चाहिए।

बेल के फायदे दस्त और पेचिस के उपचार में
बेल के फल का उपयोग डायरिया और पैंचिश के उपचार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसके लिए बेल के कच्चे फलों को काटकर उन्हें सुखाने के बाद महीन मिश्रण बनाया जाता है। मिश्रण को गर्म पानी और चीनी के घोल में मिलाकर दिन में दो बार पीना चाहिए।

इस मिश्रण को खाने से मल में खून और बलगम आना कम हो जाता है। यदि इसका नियमित सेवन किया जाता है तो यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत करने के साथ आपकी प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) को भी बढ़ाता है।

बेल के फायदे पेप्टिक अल्सर के उपचार के लिए –
बेल के पत्तों में बहुत सारे पोषक तत्व होते है जो अल्सर के इलाज में मदद करते है। रात में बेल के पत्तों को पानी में भिगो कर रखे, और इस काढ़े या मिश्रण का सेवन प्रत्येक दिन करें यह आपको अल्सर से लड़ने की शक्ति देगा। पके हुए बेल के फल में ऐसे पूरक पदार्थ होते है जो पेट के अंदरूनी कोशिकाओं की रक्षा करते है और अल्सर के इलाज में मदद करते है। अल्सर को ठीक करने के लिए कम से कम 3 दिनों तक पके हुए बेल को खाने की सलाह दी जाती है।

बेल के फायदे शीतलता पाने के लिए – Bael For Cooler in Hindi
जैसे की हमने आपको बताया की बेल (wood apple) में बहुत सारे औषधीय गुण होते है, यह हमारे शरीर को गर्मी से बचाने और शीतला दिलाने में मदद करता है। ऐसिडिटी बदहजमी का इलाज करने के लिए शहद और बेल के शर्बत (cold drink) को पीना चाहिए जिससे आपको आराम मिलेगा। साथ ही यह शर्बत आपके मुंह और जीभ के छालों के लिए भी उपयोगी होता है। यह शर्बत आपको गर्मी और प्‍यास दोनों को कम करने का काम करता है।

बेल के पत्ते के फायदे मधुमेह के लिए – Bael control Diabetes and cholesterol
बेल के पत्तों में ब्लड यूरिया कोलस्‍ट्रॉल और रक्‍त शर्करा के स्तर को कम करने वाले गुण होते हैं। हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि पत्तियों का ये गुण आज की सबसे प्रभावी दवाओं के समान होती है। बेल के सूखे पत्तों को काढ़ा के रूप में प्रतिदिन सेवन करना चाहिए जिससे कि आपके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहे। इस चाय में ट्राइग्लिसराइड और लिपिड प्रोफाइल भी कम होता है।

बेल के फायदे गठिया के उपचार के लिए – Bael Fruit for Treatment of Arthritis Gout
बेल में एंटीऑकिसडेंट तत्व भरपूर मात्रा में होते है, जो सूजन वाले क्षेत्रों और अंगों में मांसपेशियों को आराम दिलाते है। यदि कोई व्यक्ति सूजन से ग्रसित है तो यह उसके लिए बेल सबसे अच्छा और त्वरित लाभकारी विकल्प हो सकता है।

इसके लिए बिना पके बेल की लुगदी को मसलकर उसमें सरसों के तेल को गर्म करके मिलाया जाता है, फिर जिन जोड़ो में सूजन हो वहां इसका लेप लगाने पर सूजन जल्दी कम हो जाएगी साथ ही दर्द से भी राहत मिलता हैं।

दंडकारण्य दर्पण
आवाज एक पहल

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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