रावघाट परियोजना से नारायणपुर के युवाओं को रोजगार, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी बढ़ोतरी
रावघाट से जुड़ा नारायणपुर क्षेत्र के लोगों का भविष्य, नारायणपुर कहलायेगा मिनी भिलाई
नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावितों का कहना विरोध का सवाल ही नहीं, हम सब एक हैं।
खनन से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों का होगा विकास
परियोजना से रोजगार होंगे पैदा, क्षेत्र के लोगों को मिलेगा रोजगार
नारायणपुर 2 जुलाई, 2022- वर्षों के इंतजार के बाद आखिर में लौह अयस्क निकालने की रावघाट परियोजना का अब बहुत जल्द आरंभ होना तय है। भिलाई स्टील प्लांट के लिए आक्सीजन की भूमिका निभाने वाले रावघाट परियोजना को शुरू कराना इतना आसान नहीं था, वर्षों की रणनीति एवं उचित प्रबंधन की वजह से इंजीनियरों एवं सुरक्षा बलों ने इस परियोजना को लगभग अमलीजामा पहना ही दिया। ग्रामवासियों के सपोर्ट से यह परियोजना जल्द ही शुरू हो जाएगी।
*नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावितों का कहना विरोध का सवाल ही नहीं, हम सब एक हैं*
रावघाट परियोजना को विरोध के चलते फिलहाल रोक दिया गया है, नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावित ग्रामवासियों का कहना है कि बाहरी लोगों के विरोध के कारण यह परियोजना रुका हुआ है। विरोध का सवाल ही नहीं ,हम सब एक हैं। हम नारायणपुर क्षेत्र के खनन प्रभावित ग्रामवासी इसे शुरू करवाना चाहते हैं, हमारे क्षेत्र में विकास कार्य आरंभ हो चुका है जिसके कारण बाहरी लोग तिलमिलाए हुए हैं। यह परियोजना शुरू होने से हमारे गांव तथा हमारे जिले का लाभ होगा।
*रावघाट से जुड़ा नारायणपुर क्षेत्र के लोगों का भविष्य, नारायणपुर कहलायेगा मिनी भिलाई*
दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ ही छत्तीसगढ़ सहित दुर्ग जिला एवं भिलाई का विकास शुरू हुआ। आज भिलाई में तमाम सुविधाओ के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के सारे साधन उपलब्ध है। रावघाट से नारायणपुर क्षेत्र के लोगों का भविष्य जुड़ा हुआ है, यूं कहें तो नारायणपुर भविष्य में मिनी भिलाई कहलायेगा।
भिलाई स्टील प्लांट का लोहा पूरे विश्व में माना जाता है। रेल की पटरी से लेकर तमाम बड़े प्रोजेक्टों में स्टील स्ट्रक्चर्स आदि भिलाई स्टील प्लांट से निर्मित होते हैं। नारायणपुर के रावघाट से जाने वाले कच्चे माल से भिलाई स्टील प्लांट के साथ साथ अब नारायणपुर का नाम भी जुड़ेगा।
रावघाट परियोजना से खनन नही होने से प्रभावित होगा बीएसपी का कार्य
भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए अभी लौह अयस्क की आपूर्ति पड़ोस की दल्लीराजहरा की खदानों से होती है लेकिन दल्लीराजहरा की खदानों में अब केवल थोड़ा ही लौह अयस्क बचा है। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन का कहना है कि अगर रावघाट से लौह अयस्क के खनन का काम शुरू नहीं हुआ तो
भिलाई स्टील प्लांट का कार्य प्रभावित होगा। काम प्रभावित होने से अन्य सुविधाएं भी प्रभावित होगी।
युवाओं को रोजगार, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में होगी बढ़ोतरी
परियोजना को बेहतर जानने वालों का कहना है कि इस परियोजना के शुरू होने से युवाओं को रोजगार मिलेंगे, बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है प्रभावित क्षेत्र के लोगों और युवाओं के जीवन मे परिवर्तन आएगा। गांव का विकास होगा।