ड्रैगन_फ्रूट :500 रुपए किलो बिकने वाला फल जहां भी दिख जाए, खाना जरूर! वजह हम बता दे रहे हैं।
कृषि-संदेश
ड्रैगन फ्रूट नाम सुना हैं या नहीं? भयानक नाम वाला यह फल के फायदे भी कुछ कम भयानक नहीं हैं । कुछेक 400-500 रुपए किलो बिकता हैं यह। आप भी सोच रहें होगें की आखिर क्या बला है यह जो लोग ईसके पिछे पगलाए हुए हैं । ईतने पैसे खर्चने को तैयार हैं। तो जनाब आपको बताते चले की इस फल की उत्पत्ति मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और मेक्सिको से हुई है और अब एशिया में भी इसका खूब प्रयोग किया जा रहा है।
ड्रैगन फ्रूट एक गुलाबी रंग का चमकदार फल है. यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है ! ज्यादातर गर्मियों में इस फल का सेवन किया जाता है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स, प्रोटीन, कैलशियम आदि पाया जाता है.
यह प्रतिरक्षा बढ़ाता है।
विटामिन से भरपूर…
ड्रैगन फल बी विटामिन समूह सहित विटामिन सी के अलावा अन्य विटामिनों भी मौजूद है जैसे कि बी 1, बी 2, और बी 3 विटामिन ब्लड प्रेशर, त्वचा स्वास्थ्य, और कोलेस्ट्रॉल औऱ थायरॉयड से लड़yने में भी मदद करता हैं।
ड्रैगन फ्रूट(dragon fruit) की खेती अब भारत में।
पिछले कई साल से इसे थाईलैंड ,लंका ,वियतनाम आदि से इसे निर्यात किया जा रहा है ! भारी मांग को देखते हुए, अब इसकी खेती भारत में भी होने लगी है, पश्चिम भारत यानि महाराष्ट्र और गुजरात और उसके बाद सुदूर उत्तर पूर्व के अर्ध पहाड़ी राज्यों वा आंध्र कर्नाटक, अरुणाचल, सिक्किम और मणिपुर के किसान इसे पिछले कुछ वर्ष से ऊगा रहे है और भारी लाभ कमा रहे है।भारत के किसानो की दशा और दिशा बदलने के लिए हमें नई खेती की ओर जाना चाहिए। नियमित खेती को छोड़कर हमें कुछ नई फसल को उगाना चाहिए जिसमें ड्रैगन फ्रूट एक लाभ वाली फसल हो सकती है।
एक नई तरह की खेती किसान को लाभ की ओर ले जा सकती है जिससे अच्छा खासा कमा सकता है जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ एक अच्छी जीवन शैली यापन कर सकते हैं।
ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit)का बाजार।
ढेरों औषधीय गुणों से भरपूर फल तेजी से अंतर्राष्ट्रीय जगत में अपना स्थान बनाने के बाद भारत के उपभोक्ता में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
बड़े-बड़े शहरों में इसकी डिमांड बढ़ने लगी है ।
आप इस फल को ऑनलाइन भी बेच सकते हैं बड़ी कंपनियों के साथ मेलजोल करके।
ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit)की खेती क्यों ?
भारी लाभ और इस फल की लोकप्रियता को देखते हुए अब उत्तर और मध्य भारत के किसान भाई भी इसकी खेती में दिलचस्पी दिखा रहे है ।
एक बार लगाने के बाद दो से तीन साल में यह पौधा भरपूर फल देने लग जाता है जो 15 से 20 साल लगातार फल देता है और एक एकड़ की आमदन 15 से 25 लाख प्रति वर्ष होती है और देखरेख का खर्च और मेहनत बहुत कम होती है।
बीमारी और कीट पतंगों और जंगली जानवरो से भी इस पौधे को कोई खतरा नहीं है ! इसका फल लाल ,सफ़ेद और पीले रंग के गूदे में उपलब्ध है।
भारत में इसके लाल गूदे वाले फल को पसंद किया जा रहा है और इसी की खेती भी की जा रही है ! सीमेंट कंक्रीट के बने खम्बों और ऊपर गोल पहिये के सहारे लगने वाले पौधों से भरा खेत भी लोगो में भारी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
दंडकारण्य दर्पण