दुनिया के अरबों जीव जंतुओं में सबसे विचित्र होता है मधुमक्खियों का परिवार!
दुनिया के अरबों जीव जंतुओं में सबसे विचित्र होता है मधुमक्खियों का परिवार!
मधुमक्खी पालन करने से पहले हमें उससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात की डिटेल रखनी चाहिए। इस पोस्ट में हम बात करेंगे मधुमक्खियों के परिवार के बारे में
मधुमक्खियों के एक मौन गृह (परिवार) में औसतन 40 से 80 हजार मधुमक्खियां होती हैं, जिनमें से एक रानी मधुमक्खी एवं सौ नर (ड्रोन्स) और शेष मादा (श्रमिक) मधुमक्खियां होती हैं, जो परिवार के सदस्यों की संख्या में 95 प्रतिशत से भी ज्यादा होती है|
रानी मधुमक्खी
रानी मधुमक्खी पूर्ण विकसित मादा है, एक मौनवंश में एक ही रानी होती है, जो अण्डे देने का कार्य करती है| यह औसतन 2500 से 3000 अण्डे प्रतिदिन देती है| रानी का जीवन काल लगभग 3 वर्षों का होता है| रानी सुनहरे रंग एवं लम्बे उदर युक्त होती हैं, यह दो प्रकार के गर्भित और अगर्भित अण्डे देती है|
गर्भित अण्डे से मादा या श्रमिक व रानी एवं अगर्भित अण्डे से नर विकसित होते हैं| युवा रानी, रानी कोष में विकसित होती हैं, जो अंगुली के शीर्षभाग (मूंगफली के दाने के बराबर) की भांति छत्ते में नीचे की ओर लटकी हुई होती है, अण्डे से युवा रानी विकसित होने में लगभग 15 से 16 दिन लगते हैं|
मादा, केसरी एवं श्रमिक मधुमक्खी
श्रमिक मधुमक्खी अविकसित मादा है, मौनगृह में समस्त कार्य को श्रमिक ही करती है| एक मधुमक्खी वंश में कुल मादा मधुमक्खियों की संख्या में 95 प्रतिशत से भी अधिक होती है, उनकी आयु 40 से 45 दिन तक होती है, यह आयु के अनुसार कार्य सम्पन्न करती है| जैसे-जैसे इनकी आयु बढती है, वैसे-वैसे श्रमिक मधुमक्खी का कार्य बदलता रहता है|
इस प्रकार श्रमिक पैदा होने के तीसरे दिन से कार्य करना प्रारंभ कर देती है, श्रमिक के मुख्य कार्य रॉयल जेली श्रवित करना, मोम उत्पादित करना, छता बनाना, छत्ते की सफाई करना, कोषों की सफाई करना, वातायन करना, छत्ते का तापक्रम कायम रखना, वातानुकूलित करना, प्रवेश द्वार पर चैकीदारी करना, भोजन के स्त्रोतों को खोज करना, मकरन्द (पुष्प रस) और पराग के संग्रह का कार्य लगभग 2 से 3 किलोमीटर की दूरी तक करती है| श्रमिक का कोष षटकोणीय और नर के कोष से छोटे आकार का होता है|
नर या ड्रोन
नर मेटिंग का कार्य करता है, ये प्रजनन काल में बहुतायत में होते हैं, नर में इंक नहीं होता है| इसका उदर काला व गोल होता है| युवा रानी मेटिंग के लिए गंध (फेरोमोन) छोडती है, जिससे सभी नर आकर्षित होते हैं, युवा रानी मेटिंग हेतु उडती है| तब सभी नर उनका पीछा करते हैं, जो नर सर्वप्रथम रानी को पकड़ लेता है, उसी से मेटिंग हो जाती है| रानी मौनगृह में वापस आती है तथा नर मर जाता है, इसे नपरियल फ्लाइट कहते हैं| मेटिंग के दो तीन दिन पश्चात रानी अण्डे देने लगती है|
मधुमक्खी में जीवन चक्र
मधुमक्खी में जीवन चक्र की चार अवस्थाएं होती हैं, जैसे-
(1) अण्डा (2) लार्वा (3) प्यूपा (4) वयस्क
अण्डा यदि नर कोष में है, तो उससे नर पैदा होंगे और इसी प्रकार यदि मादा कोष में है, तो मादा पैदा होगी| रानी, श्रमिक एवं नर में अण्डा अवस्था तीन दिन तक रहती है और वयस्क क्रमशः 15 से 16 दिन, 20 से 21 दिन व 23 से 24 दिन में तैयार होते हैं|
दंडकारण्य दर्पण