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छत्तीसगढ़

Narayanpur: विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी का आयोजन

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी का आयोजन

नारायणपुर – नारायणपुर के ऑडिटोरियम में आज 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व वनमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता महेश गागड़ा, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय पांडेय, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा प्रदेश महामंत्री टेकेश्वर जैन, भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम , भाजपा नेता गौतम गोलछा व नारायण साहू ने अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी के दौरान विभाजन की त्रासदी और इससे उत्पन्न सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रभावों पर विचार विमर्श किया गया।

 

महेश गागड़ा ने अपने संबोधन में कहा, “विभाजन की त्रासदी ने हमारे समाज को गहरे घाव दिए हैं जिन्हें हम कभी नहीं भूल सकते। इस दिन को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाना हमें उन संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है जिनसे हमारे पूर्वज गुजरे हैं। हमें इस इतिहास से सबक लेकर एकता और अखंडता को और मजबूत करने की आवश्यकता है।”

 

संजय पांडेय ने विभाजन के दौरान उत्पन्न सामाजिक असमानताओं और सांप्रदायिक तनावों पर चर्चा करते हुए कहा, “विभाजन ने हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना को हिला कर रख दिया था। हमें आज यह सुनिश्चित करना है कि ऐसी त्रासदी कभी दोबारा ना हो। यह दिन हमें राष्ट्रीय एकता और समर्पण की भावना को और गहराई से समझने का अवसर प्रदान करता है।”

 

टेकेश्वर जैन ने अपने विचार रखते हुए कहा, “विभाजन के दौरान लाखों लोगों ने अपने घर, अपनी जमीन, और यहां तक कि अपने प्रियजनों को खो दिया। यह एक ऐसा दर्द था जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। हमें आज इस दिन उन सबकी स्मृति में यह संकल्प लेना चाहिए कि हम एक समृद्ध और अखंड भारत का निर्माण करेंगे।”

 

रूपसाय सलाम, गौतम गोलछा व नारायण साहू ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारी स्वतंत्रता की कीमत कितनी बड़ी थी। विभाजन के दर्द को समझते हुए हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को इस इतिहास से अवगत कराना चाहिए ताकि वे भी इस दिन के महत्व को समझ सकें।”

 

संगोष्ठी के दौरान लगे प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया, जिसमें विभाजन से संबंधित दुर्लभ तस्वीरें, दस्तावेज़ और अन्य ऐतिहासिक सामग्री प्रदर्शित की गईं। प्रदर्शनी ने उपस्थित जनसमूह को विभाजन की दर्दनाक यादों से अवगत कराया और उन्हें इस ऐतिहासिक घटना के महत्व को समझने में मदद की।

 

कार्यक्रम में बृजमोहन देवांगन, नारायण मरकाम, संजय नंदी, संदीप झा, कार्यक्रम संयोजक नरेंद्र मेश्राम सहित नगर के अनेक बुद्धिजीवी, गणमान्य नागरिक, और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। उपस्थित लोगों ने संगोष्ठी और प्रदर्शनी की सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया जिससे नई पीढ़ी को विभाजन के इतिहास और इसके प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके। संगोष्ठी का सफल संचालन कार्यक्रम सह संयोजक अविनाश देवांगन व आभार मो. फिरोज ने किया।

Bindesh Patra

युवा वहीं होता हैं, जिसके हाथों में शक्ति पैरों में गति, हृदय में ऊर्जा और आंखों में सपने होते हैं।

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