नए सेवकों से जनता की उम्मीदें: किसान नेता संजय पंत

 

नए सेवकों से जनता की उम्मीदें: किसान नेता संजय पंत

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संजय पंत ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि

छत्तीसगढ़ राज्य में चुनाव के बाद योग्य एवं काबिल सेवकों को चुननेे के लिए जनता को हार्दिक शुभकामनाएं। मलिक रूपी जनता अपने सेवकों से यह आशा करती है कि किसानों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, बच्चों, युवा, बेरोजगारों, छात्रों, मजदूरों, दिव्यांगों, सरकारी एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों सहित समाज के सभी वर्गों की समस्याओं को हल करेगी क्योंकि उन्होंने उनका वोट दिया है। आरक्षित सीटों से चुने गए विधायकों एवं मंत्रियों से यह उम्मीद की जाती है कि वे अति शीघ्र संवैधानिक प्रावधानों का अध्ययन करके विधानसभा में किसानों एवं आदिवासियों के मुद्दे को प्रमुखता एवं जोर-शोर से उठाएं। चुनाव के बाद बहुमत प्राप्त राजनीतिक पार्टी की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह राज्य का अगला मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से ही बनाए। आने वाले लोकसभा चुनावों में भी जनता संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी रखने वाले उम्मीदवारों की ही मांग करेगी जिससे लोकसभा में किसानों एवं आदिवासियों की समस्याओं एवं मांगों को जोर-शोर से उठाया जा सके। किसानों एवं आदिवासियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों के किसी भी प्रकार के उल्लंघन होने पर आरक्षित सीटों से चुने गए जनप्रतिनिधियों को जवाब देना होगा। नवनिर्वाचित विधायकों को मंत्री पद, गाड़ी, बंगला, सुरक्षा गार्ड और निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर जनहित में सोचना ही होगा।

 

*बेमौसम बारिश की मार झेलते किसान*

 

देश के पूर्वी तट में आए चक्रवाती तूफान के कारण छत्तीसगढ़ राज्य में हुए बेमौसम बारिश से राज्य के किसानों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। राज्य की जनता केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से यह उम्मीद करती है कि वह सभी प्रभावित किसानों को जल्दी से जल्दी मुआवजा दे। राज्य के किसान भाइयों से यह उम्मीद की जाती है कि वह सरकारों से मुआवजे की राशि की मांग करें। किसान भाइयों के लिए कर्ज माफी एक संभावना है जबकि मुआवजे की मांग उनका हक है।

 

*डीएमएफ एवं सीएसआर फंडों की जांच*

 

मां दंतेश्वरी की पावन धरा दंतेवाड़ा के बैलाडीला की पहाड़ियों में लौह अयस्क के खनन गतिविधियों से प्रभावित आदिवासियों के पुनर्वास एवं विकास के लिए डीएमएफ एवं सीएसआर फंडों की स्थापना की गई थी। एनएमडीसी इन फंडों को देता है एवं इसका उपयोग राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है। आदिवासियों के लिए प्रदान किये गए हजारों करोड़ों रुपयों को भ्रष्ट मंत्री एवं अधिकारी तंत्र द्वारा गबन कर लिया गया। बस्तर की जनता नई सरकार से यह मांग करती है कि इन फंडों से संबंधित बीते सभी वर्षों के आय-व्यय, निर्माण, खर्च, गुणवत्ता आदि की न्यायिक जांच या सीबीआई जांच प्राथमिकता से करवाए। बस्तर की भोली-भाली जनता के साथ धोखा करने वाले मंत्रियों एवं अधिकारियों को सख्त से सख्त सजा दे और उनकी चल-अचल संपत्तियों को कुर्क करे। डीएमएफ एवं सीएसआर फंडों में घोटाले की जांच एवं दोषियों को सजा देकर नई सरकार को एक मिसाल पेश करनी चाहिए जिससे उसके खुद के मंत्री एवं अधिकारी घोटाला करने का साहस न कर सकें।

 

*खेती जमीन पर शराब फैक्ट्री खोलने का विरोध*

 

महासमुंद जिले के तुमगांव थाने के अंतर्गत बेलटूकरी गांव की उपजाऊ खेती जमीनों में शराब फैक्ट्री खोलने के लिए भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान जनसुनवाई की गई थी। किसान भाइयों की लहलहाती फसलों के बीच शराब फैक्ट्री खोलने की सोच रखने वाले भूपेश बघेल सरकार को जनता ने सिरेे से नकार दिया है। भारतीय किसान यूनियन राज्य की नई सरकार से यह मांग करती है कि बेलटूकरी गांव में शराब फैक्ट्री खोलने के आदेश को कैबिनेट की पहली बैठक में ही निरस्त करे। शराब फैक्ट्री खोलने के लिए अभी तक किसानों से अधिग्रहित की गई जमीनों को भी वापस किया जाए। यदि नई सरकार द्वारा शराब फैक्ट्री खोलने के आदेश को कैबिनेट की पहली बैठक में निरस्त नहीं किया गया तो भारतीय किसान यूनियन आगे की कार्यवाही पर विचार करेगा।

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