माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विशेष संरक्षित जनजातियों के सदस्यों एवं विद्यार्थियों से मुलाकात की
रायपुर 01 सितम्बर,2023
माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दूसरे दिन राजभवन में विशेष संरक्षित जनजातियों के विद्यार्थियों और अन्य सदस्यों से मुलाकात की और उनसे संवाद किया। इस अवसर पर नारायणपुर जिले से कलेक्टर श्री अजित वसंत एवं सहायक आयुक्त श्री बद्रीश सुखदेवे के मार्गदर्शन में नोडल के रुप में मंडल संयोजक वि.ख.ओरछा श्री वासुदेव भारद्वाज के नेतृत्व में माननीय राष्ट्रपति,माननीय राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचदंन जी और माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी से भेंट मुलाकात किये । इस अवसर पर श्रीमती मुर्मुु ने कहा कि बच्चे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए आगे बढ़े और अपने समाज को भी आगे बढ़ायें।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने राज्य की विशेष रूप से संरक्षित जनजातियों अबुझमाड़िया,बैगा, पहाड़ी कोरवा, कमार, बिरहोर और जनजाति के सदस्यों से संवाद करते हुए कहा कि जब भी वे देश में भ्रमण करती हैं तो वहां विशेष संरक्षित जनजाति के सदस्यों से अवश्य मिलती हैं। हम जानते है कि वे शैक्षणिक एवं सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। समाज में जो कमजोर है उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। आज हमारा देश चंद्रमा तक पहुंच गया है। पीवीटीजी को भी आगे बढ़ना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकार की योजना का लाभ लेकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त होकर देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहिए।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु नें विशेष पिछड़े जनजातियों के बच्चों से संवाद किया। बच्चों ने अपने सपनों और भविष्य की योजनाओं के बारे में उनसे खुलकर बात-चीत की। नारायणपुर जिले की अबूझमाड़िया जनजाति की छात्रा कुमारी वंशिका नुरेटी जो रायपुर राजधानी के प्रयास विद्यालय में कक्षा नवमी में पढ़ती है उसने कहा कि राज्य शासन द्वारा नीट की तैयारी के लिए अच्छी कोचिंग दी जा रही है। जिसका लाभ लेकर डॉक्टर बनना चाहती है। नारायणपुर से ही मुरनार गांव की कुमारी माही नुरेटी भी रायपुर के प्रयास विद्यालय में पढ़ती है और डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहती है। राष्ट्रपति से मिलकर वह बहुत खुश हुई और यह अवसर देने के लिए उनका आभार माना। माननीया राष्ट्रपति, माननीय राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री जी का स्वागत करने का अवसर नारायणपुर से ही अबुझमाड़िया सदस्यों एवं छात्र छात्राओं को प्राप्त हुआ। कबीरधाम से बैगा जनजाति के छात्र ओम प्रकाश मरावी भी डॉक्टर बनना चाहते हैं और समाज की सेवा के साथ ही अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहते हैं। नारायणपुर अबूझमाड क्षेत्र के कोहामेटा गांव के निवासी श्री सुखराम नुरेटी ने कहा कि प्रयास आवासीय विद्यालय में पढ़कर उन्होंने अपना कैरियर बनाया है। वर्तमान में वे बस्तर जिले में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत है। उन्होंने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी योजनाओं का लाभ उठाकर अपना सुरक्षित भविष्य बनाया है। राज्य शासन द्वारा विशेष पिछडी जनजातियों के 1000 से अधिक शिक्षित युवाओं को शासकीय सेवाओं में नियोजित किया गया है। अबुझमाड़िया जनजाति के संरक्षण के साथ-साथ आज क्षेत्र में सर्वांगीण विकास हो रहा है।जिसके लिए अबुझमाड़िया जनजातियों के सदस्यों ने आभार शासन प्रशासन का आभार व्यक्त किया। श्रीमती मुर्मु ने सभी से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त की और उनका उत्साह वर्धन किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में आदिमजाति विभाग के सचिव श्री डी. डी. सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होेंने विशेष संरक्षित जनजातियों के विकास के लिए संबंध में शासन द्वारा किये जा रहे कार्याे की जानकारी दी। जनजाति के सदस्यों ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और उन्हें बीरनमाला, खुमरी और कलगी फेंटा भेंट किया। आदिमजाति अनुसंधान द्वारा विशेष जनजातियों पर प्रकाशित पुस्तके राष्ट्रपति सहित सभी अतिथियों को भेंट की।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री अमृत खलखों, आयुक्त आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग श्रीमती शम्मी आबिदी, उपसचिव श्री दीपक कुमार अग्रवाल, सहित जनजाति समुदायों के सदस्य अपने पांरपरिक परिधान मेें उपस्थित थे