भारी वर्षा से पुलिया हुआ क्षतिग्रस्त,जिला प्रशासन ने ठेकेदार को थमाया पुनर्निर्माण का नोटिस
विभाग की दो टूक-पुनः निर्माण नहीं किया, तो ठेकेदार होगा ब्लैक- लिस्ट
नारायणपुर- जिले में आज से 15 दिन पहले तक स्थानीय किसान पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे थे और जब बरसात हुई तो ऐसी की उसने एक पुलिया को ही पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। पानी की भी गजब कहानी है, अगर ना गिरे तो किसानों के लिए मुसीबत और ज्यादा गिरे तो ठेकेदारों के लिए। बता दें बाकुलवाही से कसावाही सड़क के आर.डी.1600 मीटर में 24 मीटर पुलिया निर्माण का कार्य चल रहा था, जो 20 जुलाई को हुए भारी बारिश से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार को समय पर कार्य पूर्ण करने के संबंध में 5 अप्रैल,25 अप्रैल, 29 मई और 16 जून को समय-समय पर कुल 4 पत्र जारी किए गए, इसके बाद भी ठेकेदार द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किया गया और अचानक हुई तेज बारिश ने निर्माणाधीन पुलिया को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। देखा जाए तो यह एक प्राकृतिक आपदा है,लेकिन विभाग की माने तो ठेकेदार की लापरवाही और लेटलतीफी। समय-समय पर ठेकेदार को 4 पत्र जारी कर इस मुसीबत से विभाग ने तो अपना पल्ला झाड़ लिया, लेकिन इस प्राकृतिक आपदा ने ठेकेदार को पूरी तरह से मुसीबत में डाल दिया है। विभाग ने पुलिया क्षतिग्रस्त होने के अगले ही दिन ठेकेदार को एक और नोटिस थमा दिया, जिसमें इस बार शीघ्र निर्माण के जगह पुनः निर्माण की बात लिखी गई थी। विभाग ने ठेकेदार को दो टूक कह दिया कि पुनः निर्माण नहीं किया गया,तो आपके पंजीयन को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। विभाग द्वारा जारी फरमान मिलते ही मुसीबत में पड़े ठेकेदार ने उस पुलिया को फिर से तोड़कर पुनः निर्माण के कार्य में लग गया है।
*लेबर मिस्त्री की कमी से हुई निर्माण कार्य में देरी-ठेकेदार*
उक्त पुलिया का निर्माण कर रहे ठेकेदार ने कहा कि इस क्षेत्र में किसी भी ठेकेदार के लिए समय पर कार्य पूर्ण कर लेना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यहां शादी- ब्याह,तेंदूपत्ता तोड़ाई,मरनी,छट्टी और अलग-अलग त्योहारों के कारण कई बार हमें लेबर-मिस्त्री की कमी होती रही है, जिसके चलते समय पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाया।
*संतोषजनक कार्य नहीं तो ठेकेदार पर होगी कार्रवाई*
विभाग द्वारा ठेकेदार को कई बार शीघ्र निर्माण हेतु निर्देशित किया जाता रहा है,इसके बाद भी ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में देरी की गई। क्षतिग्रस्त पुलिया को पुनः तोड़कर बनाने के लिए ठेकेदार को कई बार पत्र लिखा गया है, यदि ठेकेदार द्वारा पुनः निर्माण नहीं किया गया तो उसके पंजीयन को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।