रुलाने आया नारायणपुर में ऑय फ्लू – स्वास्थ्य विभाग
नारायनपुर – मौसम के करवट बदलते ही जब जिला अस्पताल में नेत्र रोग विभाग में रोते हुए मरीजो की संख्या बढाने से विभाग पूर्व ही सतर्क था , पर आँखों में लाल पन , आँखों में सुजन , आँखों से पानी वाले अधिक मरीजो के कारण विभाग ने इसे वायरल कोन्जुक्तिवितिएस नाम बताते हुए आपातकाल से बचने हेतु सभी प्रकार के आखों के ऑपरेशन किये बंद ll
मिली जानकारी अनुसार जिला अस्पताल में नगरवासियों , आश्रमों और स्कूलों से आये बच्चो को ऑय फ्लू की अधिक मरीज से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर कुंवर के आदेश उपरांत डॉक्टरो का दल आज नवोदय विद्यालय नारायणपुर पंहुचा l
दल की अध्यक्षता कर रहे खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केशव साहू ने बताया कि कल दिंनाक को नवोदय विद्यालय के प्रिन्सिप्ल संजय कुमार मंडल द्वारा कुछ बच्चो के बीमार हेतु स्वस्थ्य सुविधा हेतु संपर्क किया गया था , प्राथमिक उपचार उपरांत भी आज पुनः सामन लक्षण वाले मरीजो की सुचना से चिकित्सकीय दल आज 22 कोन्जुक्तिवितिएस बच्चो का उपचार प्रदान किया l
दल का हिस्सा रहे ओप्थाल्मिक अस्सिस्टेंट बागडे ने बताया कि काजिक्तिवा ( आख का हिस्सा ) में काफी ज्यदा सुजन है जो त्रिव गति से दूसरी आखो में भी फ़ैल रहा है l
ऑय फ्लू से बरते सावधानी – डॉक्टर कुंवर
जिले के मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर टी आर कुंवर ने बताया कि मौसम के बदलते और नमी के कारण संक्रमण का ज्यदा संभावना रहता है , जो अन्य वायरल संक्रमण की तरह 7- 14 दिन दिनो उपरांत स्वतः ही ठीक हो जाता है , पर संक्रमण दौरान आखों को अन्य हानि तथा संपर्क में आये अन्य जन समुदाय को संक्रम से रोकना मुख्य उद्देश है l जिसे सोशल दिस्तेंसिंग ( सुरक्षित दुरी ) , हाथो को बार बार धो कर , आँखों को बार बार छूने से बचना , आँखो को पानी से धो कर , संक्रमित रुमाल या कपडा उपयोग ना कर , आँखों में मेक उप प्रोडक्ट का उपयोग ना कर बचा जा सकता है l
जानिए क्या होता है कंजक्टिवाइटिस ( ऑय फ्लू )?
हमारी आंखों में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है, इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं।
जब कंजक्टिवा की छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं सूज जाती हैं, तब ये अधिक स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगती हैं और आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखने लगता है। इसलिए इसे पिंक आई भी कहा जाता है।
कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वाइरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है।
छोटे बच्चों में टियर डक्ट (अश्रु नलिका) के पूरी तरह खुला न होने से भी अक्सर पिंक आई की समस्या हो जाती है