नारायणपुर जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था और सड़कों का हाल बेहाल गर्भवती महिला को प्रसव के लिए 5 किलोमीटर ढोकर परिजन पहुंचे अस्पताल जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में सड़कों का हाल इतना बुरा है कि वहां पहुंच नहीं सकते और मजबूरन ग्रामीणों को गंभीर रूप से पीड़ित मरीज प्रसव हेतु मरीजों को ढो कर लाना पड़ता है ।
गांव को शहर तक जोड़ने का दावा करने वाली सरकार की सच्चाई कुछ इस प्रकार सामने आ रही है की गर्भवती महिला को कांवड़ में बिठाकर अस्पताल ले जाना पड़ रहा है । हाल ही में नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र से एक गर्भवती महिला को आपातकालीन हालत में कावण में बिठाकर शहर लाया गया ।
एंबुलेंस को कॉल करने पर आने से मना कर दिया गया क्योंकि सड़क का हालत ही इतना बत्तर है की गांव में एंबुलेंस आ ही नहीं सकता । स्वास्थ्य की मोबाइल यूनिट और ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कैसे फले फूलेगी जब आवागमन का साधन ही दुरूस्त नहीं होगी और परिस्थिति के सामने अपने घुटने टेक देगी । आदिवासियों के हित में स्वास्थ्य व्यवस्था के बड़े बड़े दावे करने वाली सरकार की जमीनी हकीकत इस तरह के घटना के रूप में सामने आती रहती है ।