Chhattisgarh: सर्व आदिवासी अपने अधिकार और मांगों के लिए विधान सभा सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश में जिला एवं ब्लाक स्तरीय जेल भरो आंदोलन करेगी।

 

अपने अधिकार और मांगों के लिए विधान सभा सत्र के दौरान 20 जुलाई 2023 को छत्तीसगढ़ प्रदेश में जिला एवं ब्लाक स्तरीय जेल भरो आंदोलन की सूचना कलेक्टर को सौंपा

नारायनपुर – छत्तीसगढ़ में सर्व आदिवासी समाज (रूढिजन्य परंपरा पर आधारित) के द्वारा आदिवासी समाज के नैसर्गिक संवैधानिक अधिकार मांग एंव प्रताहना को लेकर छ०ग०शासन को आवेदन निवेदन देने चरणबद्ध आंदोलन, धरना प्रदर्शन चक्काजाम आर्थिक नाकेबंदी (मानवाहक वाहन एंव ट्रेन) और विधानसभा घेराव किये आदिवासी समाज के आरक्षित विधायकों का घेराव भी किए लेकिन सत्ता प्रशासन की जोर से कोई संतोषप्रद आश्वासन एवं निराकरण नहीं किया गया इसके विपरीत लोंगो से दुर्भावना पूर्वक व्यहारएव कार्यवाही किया जा रहा है आदिवासी समाज शुब्द होकर लोकतांत्रिक तरीके से 20 जुलाई को विधान सत्र के दौरान सभी जिला एंव ब्लाक में जेल भरो आंदोलन करने जा रही हैं।

जेल भरो आंदोलन की प्रमुख कारण:-

 

1. हसदेव क्षेत्र (सरगुजा ) मेंग्राम सभा के बगैर वन अधिकारों का हनन करते हुए चनों की कटाई, आदिवासियों की विस्थापन और अनुचित तरीके से खनन के विरोध में बैठे ग्रामीण आदिवासी जनों के समर्थन में सर्व आदिवासी गोंडवाना महारामा और अन्य संस्थाओंने पूर्व सूचना के साथ लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किए जिसमें दुर्भावना एंव पूर्वाग्रह से ग्रसित पुलिस विभाग द्वारा FIR कर ग्रामीण और आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में आदिवासी समाज प्रताहित है और दुर्भावनापूर्ण आदिवासी समाज जनों को पुलिस के माध्यम से परेशान किया जा रहा है। जनहित और संवैधानिक मागों को लेकर प्रदर्शन एवं दुर्भावना पूर्वक किए गए FIR को शून्य किया जाय।

 

2. 1996 के पेसा एक्ट कानून के लिए छ०म० शासन द्वारा9 अगस्त 2022 को नियम बनाया गया एव अधिसूचना जारी की गयी जिसमें ग्रामसभा के अधिकार (जमीन अधिग्रहण) को खत्म कर दिया गया साथ ही ऐसा नियम अनुरूप बहुत सारे विभागों का नियम में तदानुसार 1 साल में संशोधन अनिवार्य था जो नहीं हुआ।

 

3. पाँचवी अनुसूची क्षेत्र में जहां आदिवासी समाज की जनसंख्या 82 प्रतिशत तक है वहां के भर्तियों में स्थानीय आरक्षण पूर्व के भाँति जिला रोस्टर तत्काल लागू किया जाय।

 

तात्कालिक मांगो के साथ 23 सूत्री मांगों को लेकर आदिवासी समाज गुब्द होकर लोकतांत्रिक परीकेसे छ0ग0विधान सभा सत्र के दौरान पूरे जिला एंव ब्लाकों में जेल भरो पुल्या तार कल कहते जा रही है।

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