CHHATTISGARH : पुलिस विभाग के अधिकारियों से किया वादा भूल गई भूपेश सरकार दस दस साल ड्यूटी के बाद भी बस्तर से बस्तर स्थानांतरण

 

 

मुख्यमंत्री की सारी घोषणा सिर्फ जुमलेबाजी का तरीका नेताप्रतिपक्ष जैकी कश्यप

 

*पुलिस विभाग के अधिकारियों से किया वादा भूल गई भूपेश सरकार दस दस साल ड्यूटी के बाद भी बस्तर से बस्तर स्थानांतरण*

*नारायणपुर नगर पालिका नेताप्रतिपक्ष जैकी कश्यप ने भूपेश बघेल जी की सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाते कहा की इस सरकार में तबादला होना मतलब तबादला उद्योग से होकर गुजरना है मोटी रकम दो मनचाही जगह पाओ का सिलसिला जारी है जैकी ने बताया पुलिस के अधिकारी कर्मचारी बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित जिलों के अति संवेदनषील थानों पामेढ, तारलागुडा, भद्रकाली, बासागुडा, उसुर, फरसेगढ, गंगालूर, किस्टाराम, गोलापल्ली, चिंतागुफा, चिंतलनार, जगरगुंडा, धनोरा,ओरछा, कोहकामेटा, सोनपुर जैसे दूरस्थ घोर अति संवेदनषील क्षेत्रो में पदस्थ होकर घर परिवार व संचार साधनों से दुर रहकर अपनी सेवायें दे रहे हैं। हाल में पदोन्नत हुये अधिकारियों एवं पहले से बस्तर संभाग में पदस्थ अधिकारियों के परिजनों को लग रहा था कि इतने साल से बस्तर के क्षेत्र में काम करने के बाद मैदानी क्षेत्र में अपने परिवारों के साथ रहकर काम करने का मौका मिलेगा किन्तु सरकार द्वारा कोई संज्ञान नही लिया जा रहा है जिससे आह्त अधिकारी तो कुछ बोल नही पा रहे हैं जिससे उनके परिजनोें में रोष व्याप्त है। जैकी ने बताया की विगत 05 जुन 2023 को पुलिस मुख्यालय रायपुर द्वारा जारी स्थानांतरण आदेष में भी देखने को मिला कि उक्त प्रक्रिया के तहत चयनित अधिकारियों का पुनः बस्तर रेंज के जिलों में किया गया है। चुनाव आयोग के आदेष के परिपालन में पुलिस मुख्यालय द्वारा बस्तर के एक जिले से दुसरे जिलों में ही स्थानांतरण कर खानापूर्ति किया जा रहा है। जबकि उक्त अधिकारी बस्तर में दषकों तक बस्तर में सेवा दे चूके है। उसके बावजूद उनको बस्तर से मैदानी क्षेत्रों में नही निकाला जा रहा है उसके विपरीत मैदानी क्षेत्रों में पदस्थ अधिकारियों को मैदानी क्षेत्रों के ही जिलों में ही स्थानांतरण किया जा रहा है। ये बस्तर के अंदरूनी क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियो के साथ अन्याय है। इस प्रकार की स्थानांतरण लिस्ट को देखकर साफ जाहिर होता है की मोटी रकम देकर लिस्ट निकाली जा रही है बस्तर संभाग के सभी जिलों में पदस्थ अधिकारी मानसिक व परिवारिक रूप से आह्त हो रहे हैं, और इन्हीं सब कारणों से प्रायः देखने में आता है कि बस्तर में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी पुलिस प्रषासन कि इन्ही नीतियों से तंग आकर अप्रिय घटना को अंजाम देते हैं। जो आये दिन देखने को मिलती रहती है व इसी प्रकार की ही भेदभाव पूर्ण स्थानांतरण सूची को देखकर ही कई अधिकारी कर्मचारी हाई कोर्ट के शरण में जाने के लिये बाध्य हो जाते हैं तब जाकर शासन प्रषासन की आंखे खुलती है। विगत स्थानांतरण लिस्ट मे भेदभाव साफ देखा जा सकता है। जैकी कश्यप ने सीधे और साफ शब्दों में कहा की सरकार जो वादा करती है उसे उसका पालन करना चाहिए सिर्फ झूठा दिखावा करने से कुछ नही मिलेगा आप नही करेंगे वादा पूरा तो हम 2023 के चुनाव में भाजपा की सरकार लाकर आपका वादा पूरा करेंगे और अधिकारी कर्मचारियों को न्याय दिलाएंगे

Exit mobile version