संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात से आदिवासी समाज का बौद्धिक वर्ग नाराज,बन सकती है भविष्य में किसी बड़े आंदोलन की रूपरेखा ;-
छ.ग.अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ की जिला स्तरीय मार्गदर्शन बैठक 10 जून, शनिवार को प्रांताध्यक्ष आर.एन.ध्रुव के मुख्य आतिथ्य एवं जिलाध्यक्ष नारायणपुर अशोक उसेंडी की अध्यक्षता में रेस्टहाउस, बंगलापारा नारायणपुर में संपन्न हुई।
बैठक में जिला कार्यकारिणी नारायणपुर एवं ब्लॉक इकाई नारायणपुर और ओरछा के पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल हुये। बैठक का शुभारंभ आदिवासी पारंपरिक रीति से मंचासीन एवं उपस्थित सदस्यों का पीतांबर पगड़ी पहनाकर एवं पीले चावल का टीका लगाकर की गई। सभा कक्ष में चारों ओर पीतांबर पगड़ीधारी अजजा वर्गीय कर्मचारियों की एकजुटता और अनुशासन ने इस सभा को मंगलमय और पीलामय बना दिया।
प्रांताध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांकेर जिले से पधारे संघ के पदाधिकारियों एवं जिला कार्यकारिणी नारायणपुर के पदाधिकारियों ने अजजा वर्ग के कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों के शासन – प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही उपेक्षा पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र बस्तर संभाग के जिलों में अजजा वर्ग के विभिन्न समस्याओं एवं उनके हितों से संबंधित मांगों को उच्च स्तर पर समाधान हेतु संघर्ष करने रणनीति बनाने पर जोर दिया। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के बावजूद आदिवासी हित की अनदेखी सरकार की ओर से हो रही है और संवैधानिक अधिकारों पर लगातार कुठाराघात हो रहा है।जिसके कारण वर्तमान में आदिवासी समाज आक्रोशित है और भविष्य में किसी बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार हो सकती है।
सभा को मंगलू उसेंडी, राजूराम पोटाई,अमर सिंह नाग, डॉ.दीपेश रावटे,रजोंतिन कुंजाम,संगीता ध्रुव,सुंदर वड्डे, कमलेश उसेंडी, धर्मराज कोरेटी,तीरथ कश्यप आदि ने संबोधित किया।
प्रदेश उपाध्यक्ष सदेसिंह कोमरे ने संवैधानिक मुद्दों पर हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में न्यायालयीन लड़ाई में संघ की भागीदारी का जिक्र किया। स्थानीय भर्ती में 100 प्रतिशत आरक्षण की आवश्यकता एवं फर्जी जाति प्रमाणपत्रधारियों पर कार्यवाही एवं आरक्षण के मुद्दे पर कोर्ट केस के दौरान संगठन के विरोध में सोशल मीडिया में दुष्प्रचार आदि विषयों पर विचार व्यक्त किया गया।
प्रांताध्यक्ष आर.एन.ध्रुव ने अजजा शासकीय सेवक विकास संघ की बुनियादी गठन से वर्तमान तक की संघ की गतिविधियों की जानकारी दी एवं संगठन की उपलब्धियों से सभी को अवगत कराया। जिलाध्यक्ष नारायणपुर अशोक उसेंडी ने अधिकारों की प्राप्ति हेतु सांगठनिक प्रयास पर जोर दिया।
इस अवसर पर प्रांताध्यक्ष का पगड़ी पहनाकर, एवं स्मृति चिन्ह के रूप में तुरही (तोड़ी) जिला कार्यकारिणी की ओर से भेंट की गई। उपस्थित सदस्यों ने सुप्तावस्था में स्थित आदिवासी समाज को अपने नेतृत्व से तोड़ी फूंककर, बजाकर जगाने का आव्हान किया।
इस अवसर पर जिला कार्यकारिणी नारायणपुर की ओर से पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र नारायणपुर जिले के विभिन्न विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय संस्थाओं, कार्यालयों में अजजा वर्ग के अधिकारियों की पदस्थापना , जिला स्तरीय तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की स्थानीय भर्तियों में 100 प्रतिशत आरक्षण एवं मूल निवासी को ही प्राथमिकता, अनुसूचित क्षेत्रों में शिक्षक भर्ती में आदिवासी शिक्षित बेरोजगारों के लिए डीएड,बीएड एवं टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल करने, आदिवासी विकास विभाग नारायणपुर के अधीन छात्रावासों, आश्रमों में अजजा वर्ग के अधीक्षकों की नियुक्ति एवं जिला स्तर पर प्रत्येक कार्यालयों, विभागों में अनुकम्पा एवं पदोन्नति हेतु पद आरक्षित रखने संबंधी पांच सूत्रीय मांग का ज्ञापन प्रांताध्यक्ष महोदय को सौंपा गया।बैठक कार्यवाही का सफल संचालन महासचिव भागेश्वर पात्र ने किया।
उक्त जिला स्तरीय बैठक में जिला उपाध्यक्ष संतुराम नुरेटी, कार्यकारिणी सदस्य भूपेंद्र सिंह कुमेटी, धनेश्वरी नाग,माखन पात्र, सुंदर नाग,मीडिया प्रभारी ईश्वर कश्यप,बुधसिंह मण्डावी, भानुप्रतापपुर ब्लॉक कार्यकारिणी सदस्य जागेश सलामे, संतोष पात्र, वेदवती कश्यप,सरिता बेलसरिया,पूनम पात्र, सुनंदा नाग, अभिमन्यु पात्र, सुरेन्द्र बघेल, संतोष कुमेटी, जितेन्द्र सिंह नाग,हेमराज ध्रुव,मानूराम कोर्राम,मुराराम कावड़े सियाराम ध्रुव,मनीराम वड्डे,रामसाय वड्डे,खसरुराम उसेंडी,मंगलूराम वड्डे, रतनलाल कांगे, मुराराम कर्मा, चमनलाल कुमेटी,सुनील कुमार वड्डे,जयराम टेकाम,सुंदर सिंह उईके,लोचन सिंह पात्र, डॉ.कुंवर उसेंडी, दिनेश्वर पुजारी,अगनूराम मरकाम,मंगलराम देहारी,परदेशी पोटाई,संजय नाग,कारियाराम वड्डे,पंकज कृषान,जैनू करंगा, रामसिंह कुमेटी, मोतीलाल उसेंडी,बत्ती वड्डे,सम्बलसिंह बेलसरिया आदि उपस्थित थे।