सर्व आदिवासी समाज मांड बचाओ मंच के बैनर तले अबूझमाड़ के हजारों आदिवासियों ने 3 सूत्री मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
पिछले 8 महीनो से अबूझमाड़ के होकपाड़ में आदिवासियों का बड़ा जनसमूह घने जंगल में धरना पर बैठा हुआ हैं ,
जिनका 3 सूत्री मांग पुराना है, जल जंगल जमीन, पेशा कानून, पुलिस कैंप का विरोध और अबूझमाड़ में पक्की चौड़ी सड़क नही बननी चाहिए।
जल जंगल जमीन को बचाना है।
नारायणपुर जिला में दो आयरन ओर माइंस खुलने से नाराज अबूझमाड़ के आदिवासी समूह का कहना हैं।
नारायणपुर में खनिज संपदा बेशुमार है , जोकि आदिवासियों का देवी देवताओं का निवास स्थान है जिसको सरकार उजाड़ कर बेच रही है जिसका रक्षा करना हमारा कर्तव्य है हम बार-बार माइंस का विरोध इसलिए करते हैं क्योंकि पहाड़ों में देवता बसते हैं पहाड़ नदी हमारे लिए जीवनदायिनी है हमारा पूरा समाज जंगल पहाड़ पर निर्भर है आदिवासी प्रकृति पूजक होता है अगर प्रकृति देवी देवता है तो उसका विनाश करना घोर पाप है सरकार इस बात को नहीं समझ पाती और पहाड़ों को उजाड़ कर वहां से लोहा निकाल रही है।
पेशा कानून हैं तो अमल करें।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में पेशा कानून हैं तो उसे अमल करे सरकार आदिवासियों का कहना है पेशा कानून की बात मात्र करने से नही होगा पंचायत में कोई भी कार्य होने से पहले ग्राम सभा बिठाया जाए उसके बाद ही सरकार को मंजूरी मिलने पर काम करनी चाहिए।
आदिवासियों को पेशा कानून का अगर अधिकार दिया गया है तो पहले गांव में सरकार के विकास कार्य योजना का बैठक रखवाया जाए गांव वालों की मंजूरी मिलने पर विकास कार्य किया जाना चाहिए बिना ग्राम सभा बैठक के उल्टे सीधे कार्य करना बंद करें गांव में पुलिस कैंप का विरोध भी इसी कारण किया जा रहा है ग्रामीणों का कहना है पुलिस कैंप खुलने से ग्रामीण असुरक्षित महसूस करते हैं गांव के आसपास जंगल में जरूरत की सामान्य ढूंढने जाने पर अक्सर ग्रामीणों का सामना पुलिस के जवानों के साथ होता है उस वक्त पुलिस आदिवासियों को पकड़कर मारपीट करती है और कई फर्जी धाराओं में उसे नक्सलवाद घोषित करती है जिसके कारण पूरे अबूझमाड़ के ग्रामीण इसका विरोध बढ़-चढ़कर कर रहे हैं पुलिस के जवान किसी भी समय गांव में जाकर ग्रामीणों को उठाकर थाना ले आती है और नक्सल केस में जेल में डाल देती है।
अरविंद नेताम का कहना है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी आदिवासियों का शोषण करते आ रही है अबूझमाड़ को अनसर्वेद रखने का क्या मतलब अगर अनसर्वेद है तो सरकार अपना अधिकार क्यों जताती है।
सरकार के पास अबूझमाड़ का ना ही नक्शा है न ही कोई लैंड मार्क नहीं रोड हैं ऐसे हालात में अबूझमाड़ को छोड़ा है जहां का जनजीवन बड़ा ही दुखद है।
अरविंद नेताम जी ने कहा है सर्व आदिवासी समाज अपना एक राजनीतिक पार्टी खड़ा करेगी पूरे बस्तर संभाग में आदिवासियों राजनीतिक पार्टी बनाना होगा 12 के 12 विधानसभा में आदिवासी विधायक होगा तो कोई सरकार प्रशासन आदिवासियों से छेड़छाड़ नहीं करेगा 6 महीना के अंदर सारी लड़ा
ई लड़ी जाएगी।