Chhattisgarh: हमारी मांगे कलेक्टर साहब पूरी नहीं कर पा रहे हैं, फिर भी हम कोशिश जारी रखेंगे,, सरकार पूरा अबूझमाड़ बेचना चाहता है ।

नारायणपुर 13/05/2023 – अबूझमाड़ के ग्रामीण अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर नारायणपुर मुख्यालय पहुंचकर सप्ताहिक बाजार में धरने पर बैठे और कलेक्टर से गुहार लगाई उनकी मांगे हैं।

लगभग 7 महीनो से अबूझमाड़ में अलग-अलग जगह पर धरना दे रहे ग्रामीणों का कहना है।

अबूझमाड़ में शासन-प्रशासन आदिवासियों का शोषण करना बंद करें और पेशा कानून लागू करें, अबूझमाड़ में पुलिस कैंप बनाना बंद करें, अबूझमाड़ में बन रहे हाईवे रोड बंद करें ।

अबूझमाड़ के आदिवासियों का कहना है सरकार अबूझमाड़ की खनिज संपदा को पूंजीपतियों के पास बेच देती है जिसके कारण पर्यावरण को काफी नुकसान होती है , खनिज संपदा निकालने से होने वाले दुष्परिणाम से वहां रह रहे आदिवासियों का पतन की कारण बन रही है सरकार खदान चालू करवा देती है खदान चालू करवाने से क्षेत्र के बड़ी भाग में पेड़ पौधों को काटा जाता है पेड़ पौधों को काटने से उन से चलने वाली जीविका खत्म हो जाती है क्योंकि आदिवासियों का जीवन सबसे बड़ा जरिया खत्म हो जाती है, क्योंकि आदिवासी वनोपज से अपना जीवन यापन करता है जंगल ही एक साधन है जिसके कारण वहां अच्छा से फल फूल पा रहे हैं जिसको काटने से जीवन जीना कठिन हो रही है।

 पेड़ पौधों को काटने से बढ़ रहे प्रदूषण के विषय में कहा बड़ी बात पर्यावरण से छेड़खानी करने से पूरे क्षेत्र में तापमान बढ़ते जा रही है और हवा में जहर भूल रही है पानी मैली हो रही है पानी में खदान से निकलने वाली कचरा पानी को गंदा कर रहा है गंदे पानी से बीमार होने की पूरी संभावना है ऐसे में जंगल क्षेत्र में जीवन यापन करना नर्क के समान है।

पुलिस कैंप अबूझमाड़ से तुरंत हटाया जाए

कैंप के विरोध में अबूझमाड़ के ग्रामीणों का कहना है उनके क्षेत्र में पुलिस कैंप खुलने से उनकी आजादी खत्म हो रही है पुलिस अबूझमाड़ की जनता को पकड़कर मार देती है और नक्सल घोषित कर देती है ग्रामीण अगर जंगल में लकड़ी साग सब्जी या शिकार पर जाता है तो उनका सामना अक्सर पुलिस वालों से होती है पुलिस के सुरक्षा के जवान ग्रामीणों को पकड़ती है और बुरी तरह से मारपीट करती है जिसके बाद पुलिस उनको पकड़ कर जेल में डाल देती है यह कह कर की तुम नक्सली हो नक्सलियों का साथ देते हो साथ ही ग्रामीण पुलिस पर बड़ा आरोप भी लगा रही है उनका कहना है महिलाओं पर बहुत ज्यादा अत्याचार पुलिस कर रही है।

अबूझमाड़ में चौड़ी सड़कें बनाने के लिए मना किया जा रहा है।

अबूझमाड़ के क्षेत्र में चौड़ी सड़क बनने की बात को लेकर ग्रामीण काफी नाराज हैं चौड़ी सड़क बनेगी तो ज्यादा मात्रा में पेड़ कटेंगे और पूरे क्षेत्र में बाहरी लोगों का कब्जा होगा।

पत्रकार वार्ता में ग्रामीणों ने आदिवासियों का विस्थापन के विषय में चर्चा किया

आदिवासियों का कहना है शासन-प्रशासन अबूझमाड़ से आदिवासियों को दूसरे जगह विस्थापन करना चाह रही है ताकि पूरा क्षेत्र खाली हो जाए।

अबूझमाड़ के ग्रामीण नारायणपुर कलेक्टर से मिलकर हुए नाराज कहां कलेक्टर साहब के जवाब से हम नाखुश हैं क्योंकि नारायणपुर कलेक्टर संतोषजनक बातें नहीं की है।

कहां हमारी मांगे कलेक्टर साहब पूरी नहीं कर पा रहे हैं, फिर भी हमारी कोशिश जारी रहेगी।

बस्तर संभाग में न्याय पूर्ण मांगों को लेकर लड़ने वालों को गिरफ्तार करना बंद करें ।

ग्रामीणों का कहना है हम पिछले 7 महीना से लगातार धरना पर बैठे हुए हैं फिर भी हमारी मांगे पूरी नहीं हो रही है आज जब कलेक्टर साहब से मिलने आए तो कलेक्टर साहब भी संतोषजनक फैसला नहीं लिया अब हम इस आंदोलन को लगातार करते रहेंगे जब तक हम को न्याय ना मिले हम लड़ते रहेंगे।

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