अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने अपनी संस्कृति और संपत्ति को लेकर निकाली जागरूकता रैली।
नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के ग्रामीणों ने जल ,जंगल ,जमीन को बचाने को लेकर धारा डोंगरी में रैली निकाली।वहीं वन संरक्षण अधिनियम 2022 को रद्द करने की मांग की है। आंदोलन में आए ग्रामीणों ने अपने पारंपरिक हथियारों के साथ 5 किमी रैली निकाली भी निकाली। हांदावाड़ा से धारा डोंगरी तक यह रैली निकाली गई सभी ग्रामीण अपने पारंपरिक वेशभूषा के साथ आए हुए थे। आंदोलन में आए ग्रामीणों ने जल जंगल जमीन और अपनी संस्कृति को बचाने की अपील सभी ग्रामीणों से की।
आपको बता दे की आदिवासी धारा डोंगरी में हांदावाड़ा जलप्रपात और नारायणपुर ज़िले के आमदाई घाटी लौह अयस्क खनन को लेकर विरोध कर रहे है।ग्रामीणों का कहना है की गांव में ज़रूरी सेवाओं को छोड़कर किसी भी प्रकार के दोपहिया और चार पहिया वाहनों का आवागमन बर्दास्त नहीं करेंगे, साथ ही उनका यह भी कहना हैं हांदावाड़ा जल प्रपात के नाम पर लोग या आ रहे है और यहां की संस्कृति को फ़ोटो ,और वीडियो के माध्यम से बाहर बेच रहे है। पर्यटन के नाम पर बाहरी लोग यहां आ रहे है और हांदावाड़ा की छवि खराब कर रहे है।साथ ही ग्रामीणों का यह भी कहना है खनिज सम्पदाओ पर सरकार और कॉरपोरेट सेक्टर यहां नज़र जमाए हुए है जलप्रपात के नाम से रोड बनाया जायेगा और उसके बाद यहां के खनिज संसाधनों को सरकार और कॉरपोरेट घराने दोहन कर यहां के आदिवासियों को यहां से खदेड़ देगी इस कारण यह आदिवासी आज आंदोलन में बैठे हुए थे।इस आंदोलन में दन्तेवाड़ा, नारायणपुर, और बीजापुर ज़िले के सीमावर्ती गांवों से लगभग 30 गांव के हजारों आदिवासी ग्रामीण अपने पारंपरिक हथियार तीर धनुष लिए आए हुए थे और पुलिस कैंप,और सड़क निर्माण को लेकर सरकार के खिलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे थे।