नारायणपुर: आदिवासी मतांतरण हुए परिवार ने मारपीट के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन ,, ईसाई मिशनरी बीमारी और गरीबी का फायदा उठाकर आदिवासियों को एक दूसरी का दुश्मन बना रही है :भोजराज नाग
नारायणपुर में आदिवासी मतांतरण ने अत्याचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया
जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांत संयोजक – भोजराज नाग ने कहा आदिवासियों को बरगला कर आदिवासियों का दुश्मन बना रही है ,ईसाई मिशनरी हजारों साल पुराना आदिवासी रीति रिवाज में जीने वाले आदिवासियों को बीमारी और गरीबी का फायदा उठाकर ईसाई मिशनरी में जोड़ रहा है, गांव की भोली भाली आदिवासियों को एक दूसरे का दुश्मन बना रही हैं जिसका विरोध आदिवासी समाज पुरजोर कर रही है।
नारायणपुर, इस महीने के दिसंबर में नारायणपुर के मतांतरण समुदाय के आदिवासियों पर कथित अत्याचार के खिलाफ बड़ी संख्या में आदिवासी जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना देकर कारवाही की मांग की हैं।
आदिवासी बहुल जिले के 14 गांवों के प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि उन्हें ईसाई रीति रिवाज में परिवर्तित करने के लिए हमला किया गया और उनके घरों से निकाल दिया गया , यह बात मतांतरण परिवार का कहना है।
पिछले दो महीनों में आदिवासी समूह ने कम से कम 60 ईसाई परिवारों पर हमला किया। नारायणपुर ईसाई समाज के अध्यक्ष सुखमन पोटाई ने सोमवार को दावा किया कि 12 से 14 गांवों में लगभग 200 ईसाई परिवारों को उनके घरों से निकाल दिया गया है और पूजा स्थलों को तोड़ दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जो नारायणपुर और कोंडागांव जिले की सीमा पर स्थित एड़का, बावड़ी, मालेचूर, बोरपाल, गोहड़ा, चंदागांव, चिंगनार समेत अन्य गांवों के रहने वाले थे।
इस बीच, नारायणपुर उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) जितेंद्र कुर्रे ने कहा, “प्रदर्शनकारियों ने एक ज्ञापन सौंपा है और आगे की कार्रवाई की जाएगी। हम उन्हें अपना विरोध वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि कलेक्टर ने उनकी शिकायतों को दूर करने का आश्वासन दिया है।” यहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमें मतांतरण समुदाय के लोगों से शिकायतें मिली हैं और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’
गांव में मारपीट हुई पीड़ित परिवारों को नारायणपुर के इंडोर स्टेडियम में जगह दी गई है इंडोर स्टेडियम में लगभग 60 परिवारों को रखा गया है।