आमजनों के लिए वनांचल क्षेत्र में बीएसपी सीएसआर द्वारा चिन्हांकित दिव्यांगजनों को आवश्यक उपकरणों का होगा वितरण.. पर देवताओं को कैसे काबू करेंगे।

आमजनों के लिए वनांचल क्षेत्र में बीएसपी सीएसआर द्वारा चिन्हांकित दिव्यांगजनों को आवश्यक उपकरणों का होगा वितरण.. पर देवताओं को कैसे काबू करेंगे।

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के रावघाट लौह अयस्क खदान क्षेत्र में विगत दिनों आयोजित निःशुल्क परीक्षण शिविर में चयनित दिव्यांगजनों को  03 दिसम्बर 2022 को ग्राम पंचायत माहका खेल मैदान, नारायणपुर में सहायक उपकरणों का वितरण किया जायेगा। इस शिविर में चिन्हांकित 126 दिव्यांगजनों को 340 आवश्यक सहायक उपकरण प्रदान किये जायेंगे। शिविर का आयोजन भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग द्वारा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार का एक मिनीरत्न सार्वजनिक उपक्रम ‘भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम’ (एलिम्को) के सहयोग से किया जा रहा है।
शिविर में चयनित दिव्यांगजनों को एलिम्को के सहयोग से भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा ट्राईसायकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी, कान की मशीन, दृष्टि बाधित दिव्यांगजनों के लिए फोल्डिंग छड़ी, एम.एस.आई.ई.डी. किट, ट्राईपोड, टेट्रोपोड, सर्वाइकल कालर, नी बेस आदि उपकरणों का निःशुल्क वितरण नारायणपुर के जिला अस्पताल में किया जायेगा।

रावघाट के जंगल पहाड़ों में दुर्लभ जीव जंतु और संजीवनी जड़ीबूटि के लिए अच्छा क्षेत्र हैं।

यहाँ बाघ ,मोर, हिरण, भालू, छोटा कद का सियार, साई, साल ( पेगिन) अजगर, खरगोस, लकड़बग्गा, उड़ने वाला बिल्ली, गोया ( बिग लीजाद) तेंदुवा, लाल बंदर, जैसे कई जीव जंतुओं का वास है ।

इन बेजुबान जानवरों के लिए अब तक सरकार कोई व्यवस्था नहीं की है।

देवताओं का घर रावघाट

पूर्वजों ने रावघाट को देवताओं का घर पवित्र स्थान माना है। रावघाट पहाड़ नदिया और जंगल को हमेशा से पूछती आ रहे हैं, बताया जाता है की रावघाट  बहुत ही शक्तिशाली क्षेत्र है जहां राव बाबा निवास करते हैं नदी में जलपरी होने की बात बताया जाता है बस्तर के देवी देवता राव बाबा के दर्शन के बिना आगे नहीं बढ़ सकते इसीलिए आज भी अगर कोई शुभ कार्य में निकलता है तो राव बाबा का दर्शन करके ही आगे का सफर पूरा करता है। शादी विवाह या शोक कार्यक्रम में विसर्जन करना हो इस क्षेत्र का बड़ा महत्व है ।

राव बाबा के दर्शन कर सारे परेशानियां दूर होती है।

यह मान्यता सदियों से चल रही है, जब माइंस चालू करके लोहा खोदकर निकाला जाएगा तो इन सभी शक्तियों का क्या होगा, जिस पर आदिवासियों का विश्वास आस्था और श्रद्धा जुड़ा हुआ है। 

 

 

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