नारायणपुर : आदिवासी समाज ने अधीन रंजन व अजय चंद्राकर का फूंका पुतला

सर्व आदिवासी समाज ने विश्व आदिवासी दिवस पर अभद्र टिप्पणी करने वाले विधायक अजय चंद्राकर व अधीन रंजन का पुतला फूंका

नारायणपुर – विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त के संबंध में विधानसभा में कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने विश्व आदिवासी दिवस के अवकाश को लेकर जिन शब्दों के साथ अपनी बात सदन में रखा है वह अमर्यादित था उनकी जिस सोच के साथ बात रखा इससे छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज को ठेस पहुंचा है इससे स्पष्ट है कि अजय चंद्राकर की मानसिकता आदिवासियों के प्रति कैसा है जिनका सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग कड़ी से कड़ी निंदा करते हैं आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासी समाज के लिए आपका यहां शब्द नितांत ही पूर्वाग्रह से ग्रसित है आदिवासी समाज आज भी संविधान से प्रद्त्त अधिकार एवं शासकीय योजनाओं से वंचित है जब तक इन शब्दों के प्रति अजय चंद्राकर सार्वजनिक रूप से आदिवासी समाज के समक्ष माफी नहीं मांगता तब तक आदिवासी समाज इनका विरोध करता रहेगा शायद यह नहीं चाहते कि विश्व आदिवासी दिवस के अवकाश हमारे लिए घोषित किया जाए ताकि हम इस दिवस को मनाने से चुके और जो एकता के रूप में समाज बनता है उसको तोड़ना चाहते हैं इस वर्ष के विश्व आदिवासी दिवस 2022 के पर्व में पूरे प्रदेश में निंदा प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

देश की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के खिलाफ अधिन रंजन ने अपमानजनक शब्द का उपयोग किया था जिसके विरोध में आज नारायणपुर के सर्व आदिवासी समाज के लोगों द्वारा मिलकर अधीन रंजन का पुतला फूंक दिया गया

संयुक्त राष्ट्र संघ का जिन्होंने इन चीजों को समझा आदिवासियों के दर्द को और उनका अधिकार को समझा और उनके हक अधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त 1994 को विश्व आदिवासी दिवस मनाने के लिए प्रस्ताव पास किया ताकि विश्व के सभी देशों में निवास करने वाले आदिवासी इस दिन को अपने अधिकार दिवस के रूप में मनाएं।

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