नारायणपुर अबूझमाड़ के डेंगुर फुटु मशरूम की बड़ी मांग है इतना प्रसिद्ध है, कारण जानकर होश उड़ जाएंगे।
नारायणपुर: अबूझमाड़ की तो बात ही निराली है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही यहां का खान पान, रहन सहन और यहां मिलने वाली प्राकृतिक जंगली सब्जियों की तो बात ही अलग है । उन्ही में से एक है नारायणपुर का मशरूम फुटु यहं फुटु नारायणपुर की संस्कृति का अहम हिस्सा है।
नारायणपुर अबूझमाड़ एक जंगल बहुल क्षेत्र है यहाँ बरसात के मौसम में जमीन और पुराने वृक्षों पर अनेक प्रकार के फुटु उगते हैं नारायणपुर में फुटु की बहुत सी प्रजातियां खायी जाती है। मशरूम एक साधारण फंफूद संरचना है। जिसे यहां स्थानीय बोली में फुटु कहा जाता है।
नारायणपुर अंचल में बरसात के दिनो में लगातार झमाझम बारिश के बाद बोड़ा के साथ साथ फुटु भी दिखने लगता है इसे यहाँ एक भोज्य पदार्थ के रूप में खाया जाता है। नारायणपुर में लगभग हर तरह के मशरूम फुटु के प्रचलित नाम से ही खाये जाते है। माना जाता है कि वृक्षों पर उगने वाले फुटु बेस्वाद और जहरीले भी होते हैं अतः खाने में उनका प्रयोग नहीं किया जाता। जमीन पर उगने वाले फुटु भी कई प्रकार के होते हैं जैसे सफेद छाते वाले, गदावाले, बटन वाले, पैरा फुटु, छाती फुटु, डेंगुर फुटु हरदुलिया मंजूरढूंढा तथा तेंदू फूटू, छिंद , बॉस फूटू , कनकी फूटू.. जैसे कई प्रकार के मशरूम फूूटू पाई जाती है ।
फुटु जो दीमक की बाम्बी के आस -पास उगता है , डेंगुर फुटु सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। डेंगुर फुटु मुख्यत दो भागों में बंटा हुआ होता है। पहला भाग छतरी और दुसरा भाग डंडी के रूप में रहता है। दोनो ही भाग खाने योग्य होते है। दशहरा उत्सव के समय उगने वाला फुटु, दशहरा फुटु कहलाता है। इसे अनेक प्रकार से पकाकर खाया जाता है।
फुटु मुख्यत हर किसी को पसंद होती है और भला हो भी क्यों ना यह स्वास्थ्य वर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त माना जाता हैं। और बीमारियों को दूर करने में भी मददगार होता है। हर कोई शुरूआती फूटू की सब्जी खाना चाहता है।
अनेकों किस्म के फूटू यहां खाये जाते है। इन्हे सुखाकर भी खाया जाता है। इसमें एमीनो एसिड, मिनरल, विटामिन जैसे पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं।नारायणपुर के लोग इसे ईश्वर का आहार मानते हैं। फुटु बारिश की शुरुआती दौर से ही महंगा हो जाता है। बाजार में किसी भी प्रजाति का कोई भी फूटू तुरंत बिक जाता है।
फुटु को ग्रामिणों के द्वारा इसे 10 या 12 की संख्या में बंडल बांधकर 50 रू तक की दर से बेचे जाते हैं। लोगों में इसकी सब्जी खाने का इतना शौक होता है कि हाथों हाथो अधिक दाम होने के बाद भी खरीद लिये जाते है। ग्रामीणजन बोड़ा और फुटू बेचकर अच्छी खासी रकम भी कमा लेते हैं।
फुटु की कीमत बाजार में काफी मंहगा होता है। बाजार में आते ही इसे खरीदने लोगो की होड़ लग जाती है। कीमत की परवाह किए बिना जमकर फुटू की खरीददारी कर लिया जाता हैं।
मशरूम फुटु बरसात के दिनों में जब बाजारों में बिकने के लिये आते है तो लोग इसे खरीदने के लिये लालायित रहते है कई फुटु मशरूम बेहद जहरीले भी रहते है। फुटु मशरूम चुनकर बाजार में बेचने वाले ग्रामीणजनों के लिए यह फायदे का धंधा है। ग्रामीणजनों को परंपरागत ज्ञान से मालूम रहता है कि जंगल में पाए जाने वाले कौन से फूटू खाने योग्य हैं।
फुटु मुख्यत सुपाच्य कार्बोहाड्रेट एवं प्रोटीन युक्त होते है। पौष्टिकता की दृष्टि से फुटु शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों के भोजन में अहम स्थान रखता है। इसे बच्चे से बूढ़े से लेकर स्वस्थ या बीमार व्यक्ति कभी भी बिना किसी झिझक के खा सकते हैं। ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। इसमें प्राकृतिक रेशे की मात्रा अधिक होने के कारण गैस एवं कब्जियत की समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए भी विशेष लाभप्रद होता हैं।
फुटु मशरूम खाने से बहुत से फायदे होते है। इससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। मशरूम राइबोफ्लेविन या विटामिन बी2 से समृद्ध होता हैं। और यह विटामिन आंखों की रोशनी को बढ़ाने और आंखों को स्वस्थ रख बीमारियों से बचाने में भी योगदान करता है। इतना ही नहीं यह लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है ।
मशरूम विटामिन डी का प्राकृतिक स्रोत है। विटामिन डी स्वस्थ दांतों और हड्डियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विटामिन डी की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी, क्रोनिक दर्द, उच्च रक्तचाप आदि शरीर को प्रदान करती है। विटामिन डी की कमी से ग्रस्त लोगों के लिए यह मशरूम एक स्वादिष्ट पूरक हो सकता है।
निष्कर्ष:-
नारायणपुर में यह फुटु बरसात के मौसम में पाया जाता है यह फुटु बहुत ही स्वादिष्ट होता है किसी भी तरह के बिना जानकारी के फुटु को नहीं खाना चाहिये। कुछ मशरूम बेहद ही जहरीले होते है।
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दंडकारण्य दर्पण