कृषि जमीन नहर के पानी में डूब जाने से आदिवासी किसानों ने सिंचाई विभाग के अमीन पटवारी पर जमीन के मुआवजे के बदले रिश्वत मांगने का लगाया आरोप, सक्षम जिम्मेदार अधिकारी बेखबर,

गौरेला पेंड्रा मरवाही

 कृषि जमीन नहर के पानी में डूब जाने से आदिवासी किसानों ने सिंचाई विभाग के अमीन पटवारी पर जमीन के मुआवजे के बदले रिश्वत मांगने का लगाया आरोप, सक्षम जिम्मेदार अधिकारी बेखबर,

संवादाता – संजय पुरी

छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों के हितों की सुरक्षा संवर्धन करने के लिए भले संकल्पित हो, पर जमीनी हकीकत देखें तो आज भी सभी दावे की खुली पोल नजर आती है,

ताजा नजारा छत्तीसगढ़ की चर्चित और ऐतिहासिक विधानसभा सीट कहे जाने वाले मरवाही के दूरस्थ आदिवासी अंचल ग्राम पंचायत पथर्री की है

जहां के गरीब आदिवासी किसानों के खेत खलियान नहर के पानी में डूब जाने के कारण किसानों के परिवार दाने-दाने को मोहताज है, किसान अपने खेत की मुआवजा के लिए ऑफिसों के चक्कर लगाने को मजबूर है,

लिहाजा किसानों ने अपने खेत खलियान के पानी में डूब जाने की मुआवजा के लिए लगातार सिंचाई विभाग के सक्षम जिम्मेदार अनुविभाग अधिकारी जल संसाधन उपसंभाग मरवाही से गुहार लगा चुके हैं,

बता दे किसानों को मायूसी और
नाकामयाबी के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ है,

किसानों ने सिंचाई विभाग के अमीन पटवारी पर मुआवजा बनाने और फाइल खिसकाने के लिए 5000 रूपए मांगने का आरोप लगाया है,

किसान अपने खेत के मुआवजे के लिए जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे हैं,

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नवनिर्मित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही बनने के बाद करोड़ों रुपए की सौगात देकर विकास की गंगा बहाया जा रहा है,

वही दूसरी ओर पूरी दुनिया के लिए अन्न उपज करने वाला किसान अन्नदाता परेशान है,

अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन किसानों की समस्या का संज्ञान लेने पर सक्षम जिम्मेदार अधिकारी सिंचाई विभाग कुंभकरण की गहरी नींद से कब तक जागती है, यह देखना सुनिश्चित होगा,

 

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