शादी की बात से विवाद होने पर गला दबाकर व टंगिया से मारकर हत्या कर साक्ष्य छुपाने शव को दफन किये आरोपी गिरफ्तार ।
नारायणपुर क्षेत्रानतर्गत बखरूपारा नारायणपुर का है, जहां दिनांक 17.04.2022 को मैनेबाई नुरेटी पति स्व. सुखलाल जाति माडिया साकिन तुड़को थाना सोनपुर जिला नारायणपुर की किसी को बिना बताये घर कहीं चली गई थी। जिसका आसपास व रिश्तेदारों में काफी पता तलाश किया कही पता नहीं चला तब थाना नारायणपुर गुमने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराये थे कि दिनांक 07.05.2022 के लगभग 11-12 बजे पता तलाश के दौरान पता चला कि दिनांक 17.04.2022 को मैनेबाई नुरेटी को खोडिया उर्फ गुड्डू कुमेटी के घर बखरूपारा नारायणपुर स्थित लारी में गई थी जहां रात में खोड़िया उर्फ गुड्डू कुमेटी के घर खाना खाने के बाद मैनी बाई द्वारा अपने लड़का के लिए खोडिया की लड़की शादी के लिए मांग करने पर व लड़की नहीं देने पर मैनेबाई द्वारा खोडिया को जादूटोना (पाग देना) करने की बात पर विवाद हुआ और इसी विवाद के चलते लडाई झगड़ा करते हुये मैनेबाई का गला दबाकर तथा अपने भतीजा आयतु वड्डे के साथ मिलकर टंगिया मारकर हत्या कर दिये हत्या के बाद शव को छुपाने के उद्देश्य से रिसबदेव देवांगन के खेत लारी से मैनेबाई के शव को उठाकर पास के ही गोविंद देवागन के खेत के मेड़ में गडदा खोदकर दफना दिये है कि रिपोर्ट पर थाना नारायणपुर में अप क 88 / 2022 धारा 302, 201, 34 भादवि० पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार व अति पुलिस अधीक्षक श्री नीरज चंद्राकर के निर्देशन एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी नारायणपुर श्री लोकेश बसल के पर्यवेक्षण में नारायणपुर पुलिस द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुये प्रार्थी, गवाहों का कथन, घटना स्थल निरीक्षण, शव का उत्खनन की कार्यवाही किया गया।
आरोपियों को जाहिरा निगरानी में लेकर बारीकी से पूछताछ करने पर अपने मेमोरण्डम कथन में घटना स्वीकार करते हुए घटना दिनांक को मृतिका मैने बाई को खोडिया उर्फ गुड्डू कुमेटी व आयतु वड्डे ने दोनो गला दबाकर एवं दगिया से मारकर दफनाना बताए व घटना में प्रयुक्त टगिया को जप्त किया गया। आरोपियों को विधिवत् गिरफ्तार कर ज्युडिशियल रिमाड में जेल भेजा गया। प्रकरण के आरोपी को पकड़ने में थाना प्रभारी निरीक्षक तोपसिंह नवरंग, निरीक्षक हेमलता नेताम, उप निरीक्षक विकास देशमुख , सहायक उप निरीक्षक वंदना चन्द्राकर आरक्षक सुरेन्द्र बघेल, आरक्षक शंकर गोटा महिला आरक्षक लीना उईके एवं अन्य स्टॉफ की सराहनीय भूमिका रही है।