कांकेर जिले के नेतृत्व भीड़तंत्र को भविष्य में नारायणपुर जिला के अंदर किसी भी दशा में सरपंच संघ जिला-नारायणपुर समर्थन नहीं देगा ।

कांकेर जिले के नेतृत्व भीड़तंत्र को भविष्य में नारायणपुर जिला के अंदर किसी भी दशा में सरपंच संघ जिला-नारायणपुर समर्थन नहीं देगा।

रावघाट संघर्ष समिति ने रैली के दौरान सर्व आदिवासी समाज एवं सरपंचों के ऊपर की अमर्यादित टिप्पणी, टिप्पणी से नाराज़ सरपंचों ने आगे समर्थन देने से किया इन्कार

सरपंच संघ के अध्यक्ष को मंच से दलाल शब्द बोला गया

नारायणपुर: रावघाट संघर्ष समिति द्वारा 1 अप्रैल को रावघाट परियोजना अंतर्गत हो रहे खनन एवं अन्य मांगों को लेकर नारायणपुर कलेक्टोरेट का घेराव किया। इस दौरान कांकेर क्षेत्र के ग्रामीण एवं नारायणपुर क्षेत्र के कुछ ग्रामीण मौजूद थे। इस भीड़ में कांकेर क्षेत्र के अंतागढ की भीड़ ज्यादा थी। आंदोलन को सफल बनाने रावघाट संघर्ष समिति ने सर्व सरपंच और आदिवासी समाज का समर्थन मांगा था, मांगे समर्थन के फलस्वरूप सर्व आदिवासी समाज और सरपंच के पदाधिकारी आंदोलन करने पहुँचे थे। सर्वाधिक आदिवासी सदस्यों द्वारा सामाजिक संगठन के माध्यम से स्वय उपस्थिति देकर समर्थन दी गई किंतु हड़ताल रैली में आगे पंक्ति के साथ उपस्थित कुछ व्यक्तियों के द्वारा सरपंचों अध्यक्ष एवं पदाधिकारियो को ज्ञापन स्थल में दलालों की जरूरत नहीं बोलकर अपमानित किया गया।

दलाल शब्द से नाराज सरपंच संघ और सर्व आदिवासी समाज एवं पदाधिकारियों ने आगे रैली में शामिल होने से किया इनकार। रावघाट संघर्ष समिति ने हजारो ग्रामीणों के समक्ष आदिवासी समाज को दलाल बोलकर समाज सरपंचों की छवी खराब करने का प्रयास जानबूझकर किया गया, सरपंचों को अपमानित करना बेहद ही अमर्यादित व अक्षमय है। जारी पत्र में कहा गया है कि क्यों न संघर्ष समिति के आंदोलन पर भविष्य में किसी भी प्रकार से सहयोगात्मक अपेक्षा कतय भी न की जावे और कांकेर जिले के नेतृत्व भीड़तंत्र को भविष्य में नारायणपुर जिला के अंदर किसी भी दशा में सर्व आदिवासी समाज जिला-नारायणपुर समर्थन नहीं देगा और भविष्य में आपकी संगठन से कोई भी लेना देना नहीं रहेगा। पत्र में सरपंच के ऊपर की गए अमर्यादित रूप से की गए ।

 

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