सिलगेर, एड्समेटा और बेचाघाट के बाद अब नारायणपुर जिले के आदिवासियों ने अबूझमाड़ इलाके में धरना प्रदर्शन किया है।

सिलगेर, एड्समेटा और बेचाघाट के बाद अब नारायणपुर जिले के आदिवासियों ने अबूझमाड़ इलाके में धरना प्रदर्शन किया है। ये विरोध प्रदर्शन नया पुलिस कैंप और सड़क खोलने के विरोध में नारायणपुर जिले के ग्राम पंचायत मेटानार और अबूझमाड़ क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण ब्रेहबेड़ा गांव में तीन दिन से एकत्रित होकर सभा आयोजित कर विरोध कर रहे हैं।

 

ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, अस्पताल, डोर हॉस्पिटल जैसी बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है लेकिन सरकार उनके इलाके में नया पुलिस कैंप खोल रही है। जो उनको नही चाहिए, इन आदिवासियों को डर है कि नया पुलिस कैंप खुलने पर पंचायत वासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने आशंका जताई है कि जंगलो में आजादी से घूमने नही मिलेगा, आदिवासियों को उंनके गावों में आकर सुरक्षा बलों के लोग मारपीट करेंगे। और झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार कर सकते हैं। इसके अलावा भी उन्होंने कहा कि धमकी देना, जंगलों में झूठे मुठभेड़ करना, बिना मतलब के केस डालकर सालो साल जेल में रखना। महिलाओ पर अत्याचार, उनका शोषण करना जैसे समस्या होगा। इसलिए कैंप का विरोध कर रहें हैं और विरोध करेंगे।

लेकिन सरकार और बस्तर पुलिस के आला अधिकारी इस विरोध प्रदर्शन को नक्सलियों द्वारा प्रायोजित बता रही है। खासकर पुलिस यह कहती रही है कि बस्तर के गांववालों को माओवादी भड़का कर जबरन सरकार विरोधी गतिविधियों में धकेल रहें हैं।

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