कीवी की एक हेक्टेयर की बागवानी से होगा हर साल 25 लाख से भी ज्यादा का मुनाफा!
#दंडकारण्य कृषि संदेश
हल्का भूरा रंग, खट्टा मीठा स्वाद, रेशेदार सतह और हरा गुद्देदार कीवी की पूरी दुनिया मैं चर्चे हैं। पिछले साल डेंगू के समय भारत के हर गली-मुहल्लों मैं लोगों के जुबान पर था। दरअसल कीवी डेंगू-मलेरिया जैसे बीमारियों में काफी असरदार होता है।
यह कुछ ही वैसे खुशनसीब फलों में से है जिसकी बिक्री किलो में नहीं बल्कि प्रत फल होती है। एक फल की कीमत औसतन ₹20 से लेकर ₹ 150 तक भैरी करते रहता है।
इसकी खेती से किसान भाई एक हेक्टेयर में 25 लाख तक मुनाफा कमा सकते हैं।
कीवि में विटामिन बी और सी तथा खनिज जैसे फास्फोरस, पोटाश तथा कैल्शियम की अधिक मात्रा होती है| इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा भी काफी अच्छी खासी होती है जो हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हमें अनेक तरह की बीमारियों से लड़ने में सहायता करता है
कीवी का नियमित सेवन हमारे नींद के लिए बेहतर होता है । इससे वजन घटाने में भी मदद मिलती है साथ ही साथ यह हमारे आंखों के लिए भी एक अच्छा फल है ।
कीवी का सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन रहा है लेकिन न्यूजीलैंड ने इसका व्यवसायीकरण किया है ।अपने अद्भुत ब्रांडिंग के बदौलत न्यूजीलैंड ने ना सिर्फ इससे अच्छा खासा मुनाफा कमाया बल्कि उसी का सकारात्मक प्रभाव है कि आज विश्व के कोने कोने में इसकी खेती हो रही है।
भारत में भी कई राज्य सफलतापूर्वक उत्पादन कर रहे हैं ।हिमाचल, केरला, उत्तर प्रदेश और मेघालय जैसे राज्यों में इसकी खेती व्यापक स्तर पर शुरु हो चुकी है।
उपयुक्त जलवायु
कीवी फल की बेल अंगूर की तरह होती है, सर्दियों में इसके पत्ते झड़ जाते हैं| भारत के हल्के उपोष्ण और हल्के शीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्र जिनकी समुद्रतल से ऊंचाई 1000 से 2000 मीटर, 150 सेंटीमीटर औसत वार्षिक वर्षा तथा सर्दियों में 7 डिग्री सेल्सियस तापमान लगभग 100 से 200 घण्टों का मिल सकता हो, वहां इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है|
बसन्त ऋतु के दूसरे सप्ताह में बेल में अंकुर फूटने के समय कोहरा नहीं पड़ना चाहिए, और इसके अलावा तेज गर्मी, आंधी तथा ओलावृष्टि से भी पौधों की पत्तियों, फूलों तथा फलों को क्षति पहुच सकती है| इसलिए साथ में वायु अवरोधक तथा उचित सिंचाई का प्रबन्ध करके आसानी से उगाया जा सकता है|
कीवी फल की खेती के लिए गहरी, उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली, बलुई रेतीली दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है| जिसका पीएच मान 5.0 से 6.0 के बीच हो और पानी का समुचित निकास हो सके वह कीवी फल की बेलों की बढ़ोत्तरी के लिए सबसे उपयुक्त होती है|
उन्नत किस्में
भारत में कीवी फल की खेती की प्रमुख मादा किस्में एलिसन, ब्रूनो, हेवर्ड, मोन्टी और एबट तथा नर किस्में एलीसन व तोमुरी हैं| जो कि एक्टीनिडिया डेलीसियोसा के अन्तर्गत आती हैं| चीन में लगभग दो तिहाई उत्पादन एक्टीनिडिया चाइनेन्सिस का होता है| इस कीवी फल किस्म के फल कम रोंयेदार और पकने पर चिकने हो जाते हैं|
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