मछली पालन के साथ बतख पालन करने से डबल होगा इनकम !
कृषि संदेश
मछली पालन करने के साथ साथ उसी तालाब में बतख पालन करके आप ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.पहले लोग तालाब में बतख पालने में संकोच करते थे. उनके मन में कई तरह की भ्रांतियां थी पर पिछले कुछ सालों में हुए रिसर्च में यह साबित हुआ है कि बतख पालन का तालाब के सेहत और मछली उत्पादन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।
डबल फायदे का धंधा है मछली के साथ बतख पालन करना।
मछली पालन के लिए तालाब में प्रचूर मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है और बतख तालाब में ऑक्सीजन लेवल मेंटेन करने में सहायक सिद्ध होते हैं।
दरअसल ठहरे हुए पानी में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, क्योंकि पानी का ऑक्सीजन मछलियों या अन्य जलीय जीव-जंतु ग्रहण कर लेते हैं. ऐसे में पानी में निरंतर ताजा ऑक्सीजन को बढ़ाते रहने की जरूरत होती है. जिन तालाबों में बतख पालन नहीं होता है, वहां कृत्रिम तरीके से मशीन आदि लगाकर ऑक्सीजन पैदा की जाती है.
बतखों के तैरते रहने से पानी में निरंतर ऑक्सीजन बनती रहेगी. ऑक्सीजन के लिए कृत्रिम संशाधनों की जरूरत नहीं होती. बतख की बीट मछलियों के लिए पौष्टिक चारे का काम करती है. इससे मछलियों को अतिरिक्त पौष्टिक चारा देने की जरूरत नहीं होती है. साथ ही बतख तालाब की गंदगी को साफ करती रहती हैं. बतख तालाब के कीड़ों, मकोड़ों, मेंढक के बच्चे ,अन्य जलीय जीव और पौधों को खाकर अपना भरण-पोषण करता है जिसे तालाब हमेशा साफ रहता है
इससे किसान की आमदनी भी बढ़ती है, क्योंकि किसान को मछली पालन के साथ बतख पालन करने से बतखों के लिए अलग से कोई इंतजाम करने की जरूरत नहीं होती है. बतख तालाब से ही अपना भोजन हासिल करती रहती हैं. इस तरह किसान को कम लागत में ही ज्यादा फायदा होता है.
© दंडकारण्य दर्पण