हॉप शूट्स: चांदी से ज्यादा कीमती है दुनिया की सबसे महंगी सब्जी, 82 हजार रूपए प्रति किलो है कीमत

हॉप शूट्स: चांदी से ज्यादा कीमती है दुनिया की सबसे महंगी सब्जी, 82 हजार रूपए प्रति किलो है कीमत

दंडकारण्य सेहत संदेश

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हॉप शूट्स (Hop Shoots) को खाने से दांत के दर्द और टीबी (TB) जैसी गंभीर बीमारी से छुटकारा मिल जाता है पर जनाब इसके लिए आपको 82 हजार रुपए खर्च करने पड़ेंगे। चांदी से भी अधिक कीमती है अपनी यह सब्जी जिसे दुनिया का सबसे महंगी सब्जी होने का दर्जा प्राप्त है।

वैसे तो सब्जियों की कीमत इतनी होती है कि आसानी से इन्हें कोई भी खरीद सकता है. लेकिन Hop Shoot एक ऐसी सब्जी है, जिसकी कीमत ही इतनी है कि अमीर से अमीर आदमी भी उसे खरीदने से पहले 10 बार सोचेंगे. इस हरी सब्जी की कीमत 1000 यूरो यानी 82 हजार रुपये प्रति किलो है. हॉप शूट्स नाम की इस सब्जी का फूल भी लोगों को काफी अच्छा लगता है. इसे हॉप कोन्स कहते हैं. इसके फूल का इस्तेमाल बीयर बनाने में किया जाता है. जबकि बाकी टहनियों को खाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इस सब्जी में औषधीय गुण का भंडार होता है. जिसका इस्तेमाल एंटीबॉयोटिक दवाई बनाने में किया जाता है.

सब्जी की खासियतें –

आपको जानकर हैरानी होगी कि यह सब्ज़ी आपको बाजार में कहीं नहीं उपलब्ध होगी. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि इसका उपयोग बीयर निर्माण के लिए की जाती है. इसकी खेती केवल इसके लिए होती है. इसके फूलों को हॉप कोन्स कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल बीयर के लिए होता है. वहीं बाकी टहनियों का उपयोग खाने में किया जाता है. इस सब्जी के गुणों के बारे में सबसे 800 ईस्वी में पता चला था. तब लोगों को पता चला कि हॉप शूट्स के इस्तेमाल से बीयर का स्वाद बेहतर हो जाता है.

उस समय जर्मनी के किसानों ने इसकी खेती शुरू की. यह वो समय था जब बीयर निर्माण में कई तरह के कड़वे खरपतवारों और दलदलीय क्षेत्र में पाए जाने वाले पौधों का उपयोग बीयर निर्माण में किया जाता था. जिन पर वहां की सरकार कर वसूली करती थी. हॉप्स पर सबसे पहले टैक्स 1710 में इंग्लैंड में लगाया गया. साथ ही यह भी अनिवार्य किया कि बीयर के निर्माण में हॉप्स का ही उपयोग हो. यह स्वाद को बेहतर करने का कारगर उपाय था.

कई औषधीय
यह सिर्फ बीयर के स्वाद को ही बेहतर नहीं करती है बल्कि कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है. इस वजह से इसका उपयोग दवाइयों के रूप में भी किया जाता रहा है. इसके इस्तेमाल से दांतों के असहनीय दर्द से निजात मिल सकती है, वहीं यह टीबी के इलाज में भी कारगर है, दरअसल, इसमें एंटीबायोटिक तत्व पाया जाता है.

खा भी सकते हैं
हॉप शूट्स का इस्तेमाल में खाने में भी किया जाता है. इसके डंठलों को कच्चा खाया जाता है, जो काफी कड़वा होता है. वहीं सलाद बनाकर भी इसका उपयोग किया जा सकता है. अचार बनाकर भी हॉप का इस्तेमाल किया जा सकता है.

खेती कैसे होती है
इसकी सालाना खेती होती है यानि की इसे सालभर उगाया जा सकता है. ठण्ड का मौसम इसके लिए अनुकूल होता है. वहीं मार्च से जून का माह इसकी खेती के लिए सर्वोत्तम माना गया है. सूर्य की रौशनी और नमी हॉप की खेती के लिए आवश्यक है. सूर्य की रोशनी में इसका पौधा तेजी से ग्रोथ करता है. प्रति दिन इसकी टहनी 6 इंच तक बढ़ सकती है. इसका पौधा शुरुआत में बैंगनी रंग का होता है जो बाद में हरा हो जाता है.

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