संस्कृति बचाने अबूझमाड़ के ग्रामीण हुए एकजुट कहां अबूझमाड़ के भोले भाले आदिवासियों को एक दूसरे के खिलाफ भड़का रहा ईसाई मिशनरी ।
ईसाई मिशनरी समर्थकों का अबूझमाड़ क्षेत्र से बहिष्कार करने अबूझमाड़ के ग्रामीण लामबंद,
आकाबेड़ा में तीसरे दिन भी जारी है जनसभा,ले सकता है आंदोलन का रूप
जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में राज्यपाल के नाम ग्रामीणों ने ज्ञापन दिए
नारायणपुर। अबूझमाड़ में धर्मांतरण विरोध करने का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। अबूझमाड़ क्षेत्र से ईसाई समर्थकों का बहिष्कार को लेकर आकाबेड़ा में पांच परगना क्षेत्र एवं दस पंचायत के सैकड़ो ग्रामीणों का जनसभा तीसरे दिन भी जारी है। गुरुवार को दर्जनों ग्रामीण मुख्यालय पहुंच राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर अबूझमाड़ क्षेत्र से ईसाई एवं उनके समर्थकों को आदिवासी आरक्षण से वंचित करने कहा गया है। साथ ही ईसाई धर्म अपना रहे लोगों को वापास अपने धर्म में शामिल करने लगातार ग्रामीण प्रयास कर रहे है। वही ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद करने निवेदन किये है।
आकाबेड़ा में 10 पंचायत के ग्रामीण है शामिल
अबूझमाड़ के आकाबेड़ा में ग्राम पंचायत धुरबेड़ा,कुतुल,पदमकोट,कच्चापाल,कस्तूरमेटा,कलमानार,नेडनार,घमंडी,झारावाही, और मंडाली पंचायत के ग्रामीण धर्मांतरण के विरोध में प्रदर्शन जारी है और आकाबेड़ा में डटे हुए हैं।
बीते दिनों आलनार के एक युवक को ईसाई मिशनरी युवकों के द्वारा रात 11 बजे घर मे जाकर बुरी तरह से सिर पर वार कर जख्मी किया गया। वही ग्रामीणों का कहना है कि युवक धर्मांतरण का विरोध और ईसाई मिशनरियों का विरोध करता था। इसलिए युवक को कुल्हाड़ी से सिर पर वार किया गया है। जिस पर सभी ग्रामीणों ने दुख जताया और फैसला लिया कि अब किसी भी सूरत में ईसाई मिशनरियों को आदिवासी आरक्षण लाभ नही मिलना चाहिए। क्योंकि ईसाई धर्म अपना चुके ग्रामीणों को अब आदिवासी लाभ से वंचित किया जाना चाहिए या वापस अपने धर्म मे शामिल होंगे तो ही जनसभा समाप्त होंगी अन्यथा जारी रहेगा। प्रशासन को अवगत कराकर सहयोग मांगा गया है और आगामी दिनों में प्रशासन से कोई सहयोग या पहल नहीं करने पर उग्र आंदोलन करने ग्रामीण बाध्य होंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे अबूझमाड़ क्षेत्र में ईसाई समर्थकों को कई बार ग्रामसभा रखकर उन्हें धर्मांतरण न करने समझाया गया था। बावजूद भी ईसाई धर्म प्रचार कर हमारे ग्रामीणों को कई प्रकार के प्रलोभन देकर एवं गुमराह कर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है।
धर्म परिवर्तन से आदिवासी रीति रिवाज देवी देवताओं और संस्कृति को होगा नुकसान
आदिवासी अपनी परंपरा संस्कृति और रीति रिवाज को बरकरार रखने सदियों से प्रतिबंध है। बावजूद अभी अबूझमाड़ क्षेत्र में तेजी से धर्मांतरण को देखते हुए अबूझमाड़ के ग्रामीण विरोध में लामबंद हैं। बता दें कि आदिवासी अबुझमाड़िया लोग अपनी रीति -रिवाज देवी-देवताओं और संस्कृति धर्मांतरण से नुकसान होगा क्योंकि यह वही ग्रामीण है जो अपने परंपरा को निर्वाहन सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी करते आ रहे हैं। अगर तेजी से धर्म परिवर्तन होता है तो इसे सुरक्षा नहीं किया जाएगा। जिससे तेजी से आदिकाल की आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति परंपरा नष्ट हो जाएगी। आदिवासियों की परम्परा को जीवित रखने अबूझमाड़ के ग्रामीण अब धर्मांतरण का विरोध करने लगे हैं।
ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्ट्रेट में तहसीलदार को दिया जिसमें उल्लेख था कि शासन प्रशासन को अबूझमाड़ में तेजी से हो रहे धर्मांतरण को ग्रामीणों के द्वारा कई बार अवगत कराया गया है। परंतु प्रशासन के द्वारा धर्मांतरण को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिस हेतु अबूझमाड़ के 10 पंचायत के ग्रामीणों ने दिनांक 21 एवं 22 दिसंबर को ग्राम सभा बैठक आयोजित की और अबूझमाड़ से समस्त ईसाई प्रचारक एवं समर्थकों का पूरे अबूझमाड़ क्षेत्र से बहिष्कार करने फैसला लिया है। अबूझमाड़ के आकाबेड़ा में धर्मांतरण का विरोध प्रदर्शन जारी है आगे आंदोलन का रूप ले सकता है।