गरियाबंद : भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी लड़ाई, दोषियों पर कार्रवाई के लिए EOW में शिकायत दर्ज
पुरुषोत्तम पात्र – ब्यूरो गरियाबंद जिला
गरियाबंद। जिले के जल संसाधन विभाग के कामकाज पर एक बार सवालिया निशान खड़े हो गए। विभागीय काम मे अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगे है। इस बार भी विभाग के कामकाज पर आरोप भाजपा नेता एवं एक्टिविस्ट प्रीतम सिन्हा ने ही लगाए है। उन्होंने पुख्ता सबूतों के साथ मामले की शिकायत रायपुर अपराध अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज कराई है। मामला पैरी दायीं मुख्य नहर एवं फिंगेश्वर डिस्ट्रीब्यूशन नहर लाइनिंग की मरम्मत कार्य से जुड़ा है।
प्रीतम सिन्हा ने रायपुर अपराध अन्वेषण ब्यूरो में 13 बिंदुओं पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। जिसमे उन्होंने लिखा है कि पैरी मुख्य दायीं नहर एवं फिंगेश्वर डिस्ट्रीब्यूशन नहर लाइननिंग के मरम्मत कार्य की स्वीकृति 2020-21 में हुई थी। इसके लिए 44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए है। विभाग ने 20 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर दी है। विभाग ने इस राशि से जो कार्य करवाया है वह गुवत्ताहीन है। प्रीतम ने कार्य मे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया है।
उनके मुताबिक कार्य मे विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जमकर बंदरबाट की गई है। जिम्मेदारों ने ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए शासन को नुकसान पहुंचाया है और नियमों को ताक पर रखकर ठेकेदारों को कार्य की छूट दी गयी है। उन्होंने लिखा है कि मरम्मत कार्य गुवत्ताविहीन एवं कूट रचना कर किया गया है। ठेकेदार द्वारा किए गए कार्य मे जगह-जगह दरारें आ गयी है।
प्रीतम के मुताबिक कार्य मे मुरुम काम डालकर अधिक डालना दर्शाया गया है। उसका कम्पेक्सन भी ठीक तरह से नही किया गया है। घटिया किस्म के कांक्रीट का इस्तेमाल किया गया है। पेवर मशीन और वाइव्रेटर मशीन के बिना ही कार्य किया गया है।
जबकि अनुबंध के मुताबिक कार्य पेवर मशीन और वाईव्रेटर मशीन से किया जाना था। क्योंकि मैन्युअल की अपेक्षा मशीनों से किये कार्य की रेट दर अधिक होती है। ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने मैन्युअल कार्य को मशीनों से कराया दर्शाकर अधिक रेट के बिल पास कर दिए है।
प्रीतम ने सभी आरोपो के दस्तावेज और प्रमाण भी अपनी शिकायत के साथ प्रस्तुत किए है। उन्होंने कहा कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है और ठेकेदार को अनैतिक तरीके से लाभ पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने जल्द से जल्द मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
यहां बताना लाजमी होगा कि विभाग के लिए यह कार्य शुरू से ही गले की फांस बना हुआ है। कुछ साल पहले इसी नहर लाइनिंग के निर्माण कार्य मे भी जमकर भ्रष्टाचार हुआ था। उस समय भी प्रीतम सिन्हा द्वारा शिकायत की गई थी और जांच के बाद आधा दर्जन से अधिक अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड हुए थे। अब उसी कार्य की मरम्मत में विभागीय अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत प्रीतम सिन्हा द्वारा की गई है। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री को भी शिकायत पत्र लिखा है।