बहेड़ा के फायदे सुनकर आपके होश उड़ जायेंगें ।

दंडकारण्य पहल।

बहेड़ा : इसके फायदे सुनकर आपके होश उड़ जायेंगें ।

बहेड़ा एक मेडिसिनल प्लांट हैं, इस पर अभी फलो की बहार हैं,

इसके पेड़ 20 से 50 फीट तक ऊंचे होते हैं यह जंगलों और पहाड़ों पर अधिक होता है,वैसे हमारे गांव में भी इसके दस बीस पेड़ बचे हैं, इसके फूल बहुत ही छोटे-छोटे सुंदर आकृति लिए होते है और स्वाद में मीठे होते है , इसकी छाया स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है, इसके पत्ते बरगद के पत्तों के समान होते हैं,पर थोड़े पतले होते है ,इसके पेड़ लगभग सभी प्रदेशों में पाये जाते हैं, इसका फल अण्डे के आकार का गोल और लम्बाई में 3 सेमी तक होता है, जिसे बहेड़ा के नाम से जाना जाता है, इसके अंदर एक मींगी निकलती है, जो मीठी मुगफली के दाने जेसी होती है,जिसका अधिक मात्रा में सेवन शरीर में विषैला प्रभाव होता है, जिससे गुदा प्रभावित होता है वहीँ नशा भी पैदा करता है,स्वभाव से बहेड़ा शीतल होता है।
बहेड़े की छाल और फल के छिलके का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।

इसके गुणों के कारण हजारो वर्षो से हमारी रसोई में “गरम मसाले” के रूप में इसका उपयोग किया जाता है, बहेड़ा कब्ज को दूर करने वाला होता है, यह आमाशय को शक्तिशाली बनाता है, भूख को बढ़ाता है , सिर दर्द बवासीर को खत्म करता है, वही आंख व दिमाग को स्वस्थ व शक्तिशाली बनाता है, तथा बालों की सफेदी को मिटता है,कफ तथा पित्त को नाश करता है यह स्वर भंग (गला बैठना) को ठीक करता है। यह नशा, खून की खराबी और पेट के कीड़ों को नष्ट करता है तथा क्षय रोग (टी.बी) तथा कुष्ठ (कोढ़, सफेद दाग) में भी बहुत लाभदायक होता है,बहेड़े की मींगी प्यास को मिटाती है,यह उल्टी को रोकती है, कफ को शांत करती है तथा वायु दोषों को दूर करती है ,इसका सुरमा आंखों के फूले को दूर करता है।

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